अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला का शुभारंभ

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शिमला, 26 अगस्त। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला के आठवें संस्करण का शुभारंभ आज शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में किया गया। फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.एस. कुंडू ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सिनेमा विभिन्न भाषाओं और देशों को जोड़ने का माध्यम है। इस तरह के फिल्म आयोजनों से दर्शकों को सिनेमा के विभिन्न आयामों से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है। फिल्म फेस्टिवल दर्शकों को सबसे बेहतर सिनेमा परोसते हैं, जिससे समाज में नई सोच पैदा की जा सकती है।
ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन पर आधारित गढ़वाली फिल्म सुनपत आज के कार्यक्रम की इनॉगरल फिल्म रही। राहुल रावत द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उत्तराखंड के उजड़ते गांवों से ग्रामीण लोगों के पलायन से उतपन्न सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य पर चित्रण किया गया है। इस फिल्म को दर्शकों द्वारा सराहा गया। ट्रांसजेंडर पर आधारित फिल्म शीर कोरमा भी दर्शकों को दिखाई गई। शीर कोरमा फिल्म में मुख्य भूमिका में शबाना आजमी, दिव्या दत्ता और स्वरा भास्कर हैं और यह फिल्म ट्रांसजेंडर इश्यूज पर मुखर होकर अपनी राय बनाने में कामयाब होती है। फिल्म फेस्टिवल के आज के आयोजन में बत्तीस राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई।
फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा रही फिल्मों की स्क्रीनिंग मॉडल केंद्रीय कारागार कण्डा में भी की गई। यहां पर लगभग एक सौ पचास कैदियों को फिल्में दिखाई गई। यहां पर सुपरिंटेंडेंट जेल जय गोपाल लोदटा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला में कुल 86 फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिनमें 27 फिल्में अंतरराष्ट्रीय वर्ग में, 34 भारतीय फिल्में, चार हिमाचल की फिल्में और 15 फिल्में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्में दिखाई जा रही है।
राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से सम्मानित फिल्म निर्देशक फराह खातून और शंकर श्री कुमार भी फिल्म समारोह में शरीक रहे। फिल्म फेस्टिवल में कुल 17 देशों की फिल्में दिखाई जाएंगी। जिनमें कनाडा, अमेरिका, लेबनान, स्पेन, ईरान, ताइवान, ब्राजील, आईसलैंड, सिंगापुर, मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बेल्जियम, डेनमार्क, रशिया इत्यादि देशों की डॉक्यूमेंट्री एनिमेशन फीचर फिल्म और शार्ट फिल्म जा रही है।
डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल भारत सरकार के सौजन्य से कुल राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित 16 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। जिनमें मुख्य है विजय गिरी बाबा द्वारा निर्देशित गुजराती फीचर फिल्म 21 एम यू टिफिन, शंकर श्री कुमार द्वारा निर्देशित हिंदी फीचर फिल्म अल्फा बीटा गामा, सागर पुराणिक द्वारा निर्देशित कन्नड़ फीचर फिल्म डोलू, आकृति सिंह द्वारा निर्देशित हिंदी फीचर फिल्म एट डाउन तूफान मेल, विवेक राजेंद्र दुबे द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म फ्यूनरल, रेवंत कुमार कुरुकुंडा द्वारा निर्देशित तेलुगू फिल्म नाट्यम, गणेश हेगड़े द्वारा निर्देशित कन्नड़ फिल्म नीली हक्की, चेतन भाकुनी द्वारा निर्देशित हिंदी डॉक्यूमेंट्री फिल्म जुगलबंदी, सोहिल वैद्य द्वारा निर्देशित मराठी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मरमर ऑफ द जंगल, मणिपुरी निर्देशक हाउबम पवन कुमार की डॉक्यूमेंट्री फिल्म पबंग श्याम, राहुल रावत द्वारा निर्देशित गढ़वाली फिल्म सनपट, लिपिका सिंह देराय द्वारा निर्देशित उडि़या डॉक्यूमेंट्री फिल्म बैकस्टेज, अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित हिंदी डॉक्यूमेंट्री फिल्म नाकर, प्राची बरजानिया द्वारा निर्देशित गुजराती डॉक्युमेंट्री फिल्म् द स्पेल ऑफ पर्पल, किशोर कलिता द्वारा निर्देशित असमिया डॉक्यूमेंट्री फिल्म वीरांगना, जैकी आर बाला द्वारा निर्देशित संताली भाषा की फिल्म व्हिच इस तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के दौरान आकर्षण का केंद्र होंगी जिसे हाल ही में भारत सरकार द्वारा 68वें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
इन फिल्मों के अलावा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला के कॉम्पिटेटिव सेक्शन के अंतर्गत् अंतरराष्ट्रीय वर्ग में विभिन्न देशों की 27 फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी जबकि राष्ट्रीय वर्ग में 35 फिल्म की स्क्रीनिंग होगी यह सभी फिल्में डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म, फीचर फिल्म, एनीमेशन, और म्यूजिक वीडियो वर्ग में बेस्ट फिल्म को पुरस्कृत किया जाएगा।
इस फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लेने देश और विदेश से 50 निर्देशक शामिल हुए हैं। इस बार इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला में नेशनल फिल्म आर्काइव्स आफ इंडिया, पुणे द्वारा एक फिल्म प्रदर्शनी का भी आयोजन गया है, जो कि दर्शकों का फिल्म के बारे में ज्ञान संवर्धन कर रही है। इस प्रदर्शनी में फिल्म से संबंधित विभिन्न कृतियां प्रदर्शन के लिए रखी की गई हैं।
इस अवसर पर डॉ पंकज ललित, निदेशक भाषा संस्कृति विभागय एस.एन. जोशी और भारत सरकार के फिल्म डिवीजन के निदेशक अमृतपाल सिंह भी मौजूद रहे।

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