संगीत का तारा टूट गया

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शिमला, 6 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रसिद्ध पार्श्व गायिका भारत रत्त्न लता मंगेशकर के निधन में गहरा शोक व्यक्त किया है।
राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा कि लता मंगेशकर के निधन से संगीत जगत को हुई क्षति को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा लता मंगेशकर का संपूर्ण जीवन संगीत साधना में बीता है। उन्होंने कहा कि वह गोवा से संबंध रखती थीं, क्योंकि उनके पिता दिनानाथ मंगेशकर गोवा से संबंध रखते थे। उन्होंने कहा कि संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर का योगदान अतुलनीय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि लता दीदी ने विभिन्न भाषाओं में गायन किया। उनके गायन से उनकी संगीत साधना और तपस्या सामने आई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लता दीदी जी के निधन से संगीत का तारा टूट गया है। वह एक मधुर गायक और मृदुभाषी थी, जिसकी भरपाई करना मुश्किल है। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

अब यादों में रह जाएगी ‘‘मखमली आवाज‘‘

 

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