पहाड़ी दिवस पर कवि सम्‍मेलन व लेखक गोष्‍ठी आयोजित

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हमीरपुर, 3 नवंबर। भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश जिला हमीरपुर ने पहाड़ी दिवस के उपलक्ष्य पर कवि सम्मेलन एवं लेखक गोष्ठी का आयोजन किया। ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष 1 नवंबर को पहाड़ी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी भाषा (बोली) के उन्नयन के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाता है।
पहाड़ी भाषा (बोली) के प्रति जन जागरण की भावना लाने तथा युवा पीढ़ी की रूचि बढ़ाने के आशय से विभाग इस वर्ष विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए स्वीप के अंतर्गत् निबंध लेखन, नारा लेखन एवं लघु वीडियो निर्माण प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। इसी के साथ- साथ विभाग द्वारा पहाड़ी कवि सम्मलेन एवं लेखक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य एवं जिला हमीरपुर के वरिष्ठ साहित्यकार मजलसी राम वैरागी द्वारा की गई। कार्यक्रम में सुशील गौतम, दिलीप सिंह, अजीत दीवान, मुनीष तनहा, लाल चंद ठाकुर, होशिआर सिंह, राजेश कुमार, मनोहर लाल, मुनीश अवस्थी, ऋतिक कुमार, दिनाक्षी, दीक्षा कटोच एवं स्मृति पठानिया समेत जिला के वरिष्ठ एवं नवोदित साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
कार्यकम के समापन अवसर पर जिला भाषा अधिकारी ने विभाग की ओर से सभी को पहाड़ी दिवस की शुभकामाना देते हुए पहाड़ी में लिखने का आग्रह किया। उन्‍होंने पहाड़ी को लेकर भविष्य की योजना प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिले के सभी साहित्यकार पहाड़ी का इतिहास एवं क्षेत्र, पहाड़ी बोली का व्याकरण, पहाड़ी साहित्य का इतिहास, पहाड़ी की लिपियाँ एवं आठवीं अनुसूची में पहाड़ी का स्थान-पक्ष एवं विपक्ष आदि विषयों पर शोध-पत्र लिखकर पहाड़ी से संबंधित विषयों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करें।

‘सच जो कड़वा है’ का विवोचन

 

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