चार दिन में खुल गयी परिसंपत्ति विवाद की पोल

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खटीमा के 8 गांवों की जमीन कब्जाने यूपी ने भेजे नोटिस
ग्रामीणों और यूपी सिंचाई विभाग के बीच तनातनी, पुलिस ने किया बचाव

यूपी सिंचाई विभाग ने शनिवार को खटीमा के 8 गांव के लोगों को जमीन खाली करने नोटिस थमा दिया कि यह जमीन यूपी की है। खाली करो, नहीं तो कार्रवाई होगी। ग्रामीण भड़क गये। दोनों के बीच खूब तनातनी हुई। पुलिस आई और शांति बहाल की लेकिन विवाद तो बरकरार है। ग्रामीणों के अनुसार वह इस जमीन पर 70 साल से काबिज हैं। यह इलाका शारदा रिजर्ववायर का है। इस पर यूपी का कब्जा होने की बात है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री धामी खटीमा से दो बार विधायक रहे हैं और उन्हें सीएम का ताज भी खटीमा सीट की वजह से मिला। अब यह नोटिस चार-छह दिन पहले सीएम धामी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच हरिद्वार में मीडिया के समक्ष किये गये दावों की पोल खोलता है कि परिसंपत्ति विवाद सुलझ गया।
दरअसल, राजनीति में जनता को भेड़ समझा जा रहा है। सच भी यही है। हांक लो, सत्ता की चाबुक से। भेड़ों की आंखों पर मंदिर-मस्जिद की पट्टी चढ़ी है। योगी आदित्यनाथ अपने गांव पंचूर आए। मीडिया गुणगान में जुट गया। योगी चाहते तो पंचूर गांव की हालत बदल देते। लेकिन कुछ घोषणा न की, चलो कोई बात नहीं। हरिद्वार पहुंचे योगी तो पुराना टूटा-फूटा अलकनंदा हमें दिया और खुद नया भागीरथी ले लिया। और यूपी की नजरें अब खटीमा के गांवों की जमीन पर नजर है। क्या सीएम धामी कह सकते हैं कि सुलझ गया परिसंपत्ति का विवाद?
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

जोशीमठ मर रहा है, कोई तो बचा लो इसे

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