उत्कृष्ट स्कूलों के निकृष्ट शिक्षक

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  • अटल उत्कृष्ट का प्रयोग फेल, बच्चे न घर के रहे न घाट के
  • गुरुजी लोगों ने बंशीधर की बंसी और धन सिंह रावत की ढपली बजा दी

सीबीएसई में इस बार 155 अटल उत्कृष्ट स्कूलों ने भाग लिया। इन स्कूलों का रिजल्ट 50 प्रतिशत रहा। हरिद्वार के सिकरोड़ा स्कूल का 12वीं में रिजल्ट जीरो रहा। यहां 27 बच्चे परीक्षा में बैठे सभी फेल हो गये। दसवीं में 36 बैठे, 16 पास हो गये। सीएम धामी के चम्पावत और पूर्व विधानसभा क्षेत्र खटीमा का हाल बुरा है। जीआईसी खटीमा के 12वी कक्षा के 162 बच्चों में से केवल 14 बच्चे पास हुए। यानी रिजल्ट 8.64 प्रतिशत रहा। चम्पावत के बाराकोट स्कूल में 7 बच्चे थे दो ही पास हुए। चौमेल चम्पावत के 12वीं के 49 बच्चों में से महज 15 पास हुए। इसी जिले के चोरामेहता स्कूल के 12वीं में 67 बच्चों में से महज 25 बच्चे पास हुए।
अल्मोड़ा का दन्या मोहल्ला अफसरों का मोहल्ला कहा जाता है लेकिन यहां के जीआईसी दन्या ने पूरे अल्मोड़ा का नाम डुबो दिया। यहां दसवीं के 37 बच्चों में से महज 7 बच्चे पास हुए। दीनापानी स्कूल के 55 बच्चों में से 18 बच्चे पास हुए। बागेश्वर जीआईसी स्याकोटे ने तो कमाल कर दिया। सबसे खराब रिजल्ट में हरिद्वार के बाद इस स्कूल का नाम है। यहां 10वीं में 46 बच्चों से 3 बच्चे पास हुए। देहरादून के जीआईसी सेलाकुई स्कूल के 309 बच्चों में से 77 ही पास हुए। जीआईसी सरुला सरोली में 38 में से सात बच्चे ही पास हुए।
इसके विपरीत कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जिनका रिजल्ट शत प्रतिशत रहा। चमोली के उर्गम स्कूल का दसवीं और 12वीं का रिजल्ट 100 प्रतिशत रहा। पौड़ी के खिरडीखाल और बुंगालगढ़ी का रिजल्ट भी 100 प्रतिशत रहा। सिद्धखाल पौड़ी का रिजल्ट भी 95 प्रतिशत रहा।
साफ है कि गुरु को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया है। यदि गुरु अच्छा होगा तो चंद्रगुप्त पैदा होंगे, यदि खराब तो दुर्योधन। जब गुरु मैक्स-सूमो ट्रांसपोर्ट सिस्टम का इस्तेमाल करे, राजनीतिक करे, प्रापर्टी डीलिंग करे, आईपीएल पर सट्टा लगाए। परिवार के साथ देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी में पड़ा रहे तो रिजल्ट खराब ही होगा।
अब डीजी, एजूकेशन बंशीधर तिवारी लाख रोने रोएं, सीईओ को चिट्ठी लिखने का ढोंग करें, लेकिन सच तो यही है कि बंशीधर और धन सिंह रावत पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। अटल उत्कृष्ट के नाम पर बच्चे न तो घर के रहे और न घाट के। यदि सीबीएसई में सरकारी स्कूलों का यह हाल है तो रामनगर बोर्ड की औकात कितने टके की होगी, आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। अच्छे शिक्षक की कद्र हो और उत्कृष्ट स्कूलों के निकृष्ट शिक्षकों को चाबुक से पीटा जाए। सख्त कार्रवाई की जाएं। उनसे साल भर के वेतन की रिकवरी हो। नहीं तो मास्टर भी नहीं सुधरेंगे और सिस्टम भी नहीं। बंशीधर तिवारी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को इस्तीफा देना चाहिए।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

…और शांत हो गयी जनांदोलनों की मुखर आवाज

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