यदि करते हैं पहाड़ से प्रेम तो जरूर देखें, बथौं, सुबैरो घाम

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  • उर्मि नेगी कृत फिल्म में पहाड़ के दर्द को उकेरा

कल प्रख्यात गढ़वाली फिल्म निर्माता- निर्देशक, एक्टर उर्मि नेगी की गढ़वाली सिक्वेल फिल्म बथौं, सुबैरो घाम-2 मध्यांतर तक देखी। यह फिल्म देहरादून के आईएसबीटी के निकट स्थित कार्निवाल मल्टीप्लैक्स में लगी है। पहला शो हाउस फुल था। कई दर्शकों को सीट न मिलने पर वह सीढ़ियों में बैठे। उर्मि के साहस को सलाम। फिल्म में सभी बड़े सितारे यानी गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, पदमश्री प्रीतम भरतवाण, मीर रंजन नेगी, घन्ना भाई समेत कई दिग्गज कलाकारों का योगदान हैं। नेगीदा के गीत और अनुराधा निराला की आवाज में जादू है। प्रीतम भरतवाण द्वारा गाया फिल्म का टाइटल सॉंग बहुत अच्छा है। कैमरा भी बहुत ही अच्छा है। फिल्म में लोकगीतों और आणों का भी प्रयोग किया गया। खाली होते गांव, शराब और रोजगार को लेकर फिल्म बनाई गयी है।
मैं फिल्म समीक्षक नहीं हूं, लेकिन मुझे लगा कि एडिटिंग की कुछ कमी है। सीन बहुत लंबे खिंचे गये हैं। यह एक अच्छा प्रयास है। जो लोग पूरे तीन-साढ़े तीन घंटे दे सकते हैं, उनके लिए यह फिल्म बहुत ही देखने योग्य है। उर्मि ने इस फिल्म में अपनी पूरी ताकत झोंकी है। उनके पहाड़ प्रेम और वहां की चिन्ता को लेकर मेरे दिल में उनके लिए विशेष जगह है। इस फिल्म की सफलता से गढ़वाली सिनेमा को एक नया मुकाम मिल सकता है। उर्मि नेगी और उनकी पूरी टीम को शुभकामना।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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