फौज की रम के भी हैं कई गम

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  • आबकारी इंस्पेक्टर पर भाईगिरी के आरोप, नहीं बिकी रॉयल स्टैग, बकार्डी
  • सीएम पोर्टल पर शिकायत, कमाऊ पूत को बचाने में जुटे कई अफसर

प्रदेश के फौजी कई ब्रांड की दारू हासिल करने के लिए तड़प रहे हैं। ऐसा नहीं कि दारू नहीं है। प्रदेश के सीएसडी डिपो में तीन-चार करोड की दारू पड़ी हुई है लेकिन आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर की कलम ने पियक्कड़ों को उनके प्रिय ब्रांडों की पहुंच से दूर रखा हुआ है। एक महीने से चार कंपनियों के ब्रांड सीएसडी में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। शराब कंपनियों का आरोप है कि उक्त एक्ससाइज इंस्पेक्टर लक्ष्मण सिंह बिष्ट वसूली के लिए जबरदस्ती अड़चन डाल रहा है। इस बीच, सीएसडी डिपो देहरादून के एरिया मैनेजर अशोक कुमार ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी है।
दरअसल, हर कंपनी साल के शुरू में अपने लेवल को एप्रूवल कराती हैं जोकि एक्ससाइट के पोर्टल पर होती है। कंपनी अपना लेवल अपडेट करती है। लेवल पास होने के बाद डिपो उनके ब्रांड मंगाती है। यह इंस्पेक्टर जनवरी में 2022 में यहां तैनात हुआ। आरोप है कि जब कमाई नहीं हुई तो इंस्पेक्टर ने सभी कंपनियों वालों का बुलाना शुरू किया और उनसे नाजायज मांग की। जिसने मान ली, उसके ब्रांड सीएसडी कैंटीन में बिकते रहे। शिकायत में कहा गया है कि चार कंपनियों की सेल सस्पेंड कर दी। इनमें बी9, रिकेयर, बकार्डी, रॉक एंड स्ट्राम शामिल हैं। मई में इनकी सेल पूरी तरह से बंद रही।
कंपनियों का आरोप है कि निरीक्षक के साथ आबकारी का एक बड़ा अफसर मिला है। कंपनियों के प्रतिनिधि इस मामले में कमिश्नर से भी मिले हैं। लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं मिला है। देखें, रायल स्टैग और बैलेंडर प्राइड जैसे ब्रांड कब तक फौजियों से दूर रहते हैं।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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