तो क्या निर्मला के पालिटिकल करिएर की होगी हत्या?

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  • निर्मला बोली, मुझे अपनों ने मझधार में छोड़ा
  • पार्टी नेताओं ने दिया धोखा, कहा, हार से डरेंगी नहीं, डटी रहेंगी

कल सुबह चम्पावत उपचुनाव का रिजल्ट आएगा। इसका परिणाम सबको पता है। कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी ने रिजल्ट की पूर्व संध्या पर ही पार्टी की पोल खोलनी शुरू कर दी है। उनका दर्द है कि पार्टी के 90 प्रतिशत नेताओं ने उनका साथ नहीं दिया। चुनाव प्रचार से गायब रहे। हरदा की सभा की सभी तैयारियां भी उन्हीं ही करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ।
गजबकी बात है। निर्मला को किसने कहा कि चुनाव लड़ें? टिकट किसने दिया? आखिर क्यों लड़ी वह चुनाव? हेमेश खर्कवाल ने चुनाव क्यों नहीं लड़ा? जब आम चुनाव हों तो हेमेश को टिकट मिले और जब शक्तिशाली सीएम धामी से टकराना हो तो अबला निर्मला। यानी राजनीति के चक्रव्यूह में निर्मला को अभिमन्यु की तर्ज पर पालीटिकल करियर का बलिदान देना होगा।
जिस दिन चम्पावत में योगी की सभा थी तो उसी दिन मैंने कहा था कि निर्मला गहतोड़ी को कांग्रेस ने अकेला छोड़ दिया। सच यही है, नेता ऐसे चुनाव में बलि का बकरा तलाश करते हैं, वो उन्हें निर्मला के तौर पर मिल गयी।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

फौज की रम के भी हैं कई गम

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