नौनिहालों का भविष्य संवार रहे 1971 वार हीरो

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  • सिलहट मोर्चे पर तैनात थे 6 राजपूत के कर्नल राकेश कुकरेती
  • शौर्य चक्र से सम्मानित हैं कर्नल कुकरेती, देश सेवा में तैनात हैं दोनों बेटे

देहरादून के नवादा में कर्नल रॉक्स स्कूल है। यह एक प्राइमरी स्कूल है। यहां आपको एक बड़ी मूंछों वाले 74 वर्षीय कर्नल राकेश कुकरेती छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेलते मिल जाएंगे। वह और उनकी पत्नी इरा कुकरेती बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही जीवन मूल्यों की सीख दे रहे हैं। स्कूल में मामुली सी फीस है लेकिन संस्कारों की सच्ची पाठशाला है। कुकरेती दंपति का आधे से अधिक दिन इन बच्चों के बीच बीतता है। कर्नल कुकरेती के दो बेटे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। कर्नल कुकरेती 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के मोर्च पर तैनात रहे। 6 राजपूत के इस सैन्य अफसर ने जकीगंज, अटग्राम, फुलथला टी एस्टेट, गाजीपुर मोर्चे पर दुश्मन सेना को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 6 राजपूत बटालियन ने पाकिस्तानी सेना को सिलहट में सरेंडर करने पर मजबूर किया था।
कर्नल राकेश कुकरेती पहाड़ के लिए समर्पित हैं। कुकरेती भातृ मंडल के संरक्षक के तौर पर वह गांवों में लोगों को आजीविका से जोड़ने में जुटे हुए हैं। मृदुभाषी, सहज, सरल स्वभाव के कर्नल कुकरेती किसी का भी दिल जीत लेते हैं। उनकी वीरता और मनुष्यता को सलाम करते हुए उत्तरजन टुडे उन्हें सम्मानित करते हुए गर्व की अनुभूति कर रहा है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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