यदि फीटर भ्रष्ट हो तो क्या करें?

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photo source: social media
  • गांव के स्टैंड पोस्ट में ही पानी नहीं, ऐसे में हर घर नल, हर घर जल की बात बेमानी

आप माने या ना माने, लेकिन गांवों में यदि जल संस्थान का फीटर चाहे तो आपको प्यासा मार सकता है। या पानी की एक बाल्टी के लिए भीख मांगने पर विवश कर सकता है। ऐसा ही कुछ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विधानसभा क्षेत्र के गांव चमाली में हो रहा है। दरअसल, यह मेरा गांव है। इस गांव का फीटर जसपाल सिंह नेगी है। महारत हासिल है निजी घरों में जल पहुंचाना और पब्लिक स्टैंड पोस्ट को बंद रखना। ग्रामीणों का आरोप है कि फीटर नेगी प्राइवेट नल वाले ग्रामीणों से शराब और महीने में कुछ बख्शीश ले लेता है। बदले में पब्लिक स्टैंड की ओर जाने वाले पानी के कनेक्शन को बाधित कर देता है। ऐसे में मजबूर ग्रामीण स्टैंड पोस्ट के बदले प्राइवेट नल वाले लोगों के घरों से पानी लाकर काम चला रहे हैं। बरसों से यह खेल चल रहा है। न फीटर नेगी बदला और न ही उसका तरीका।
अक्सर यह खेल गर्मियों में होता है। गर्मियों में प्रवासी लोग गांव लौटते हैं। जलधारा कम होती है और पानी की खपत ज्यादा। ऐसे में फीटर का यह खेल चल निकलता है। गर्मियों में ही प्रवासी लोगों से सर्दियों का जुगाड़ कर लेता है। जसपाल नेगी से मैंने 9 जून को शिकायत की कि गांव के स्टैंड पोस्ट में पानी नहीं आ रहा है। उसने स्टाफ न होने का बहाना बनाया और कहा कि अगले दो-तीन दिन में वह इस समस्या का समाधान कर देगा। लेकिन आज तक वह गांव में नहीं पहुंचा। फीटर फोन भी नहीं उठाता। क्षेत्र के अन्य गांवों के ग्रामीणों की भी यही शिकायत है। फीटर नेगी के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है लेकिन उनकी मजबूरी है कि कोई सुनवाई नहीं करता।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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