- इंग्लैंड छोड़ वतन लौटे कुनाल युवाओं को सिखा रहे कामर्सियल शिपिंग आपरेशन के गुर
- आईएमबीए देता है शिपिंग आपरेशन में डिग्री के साथ 100 प्रतिशत जॉब
कैप्टन कुनाल उनियाल मर्चेंट नेवी में थे। वह दो कामर्सियल शिप के कैप्टन थे। लंदन में भारी-भरकम पैकेज पर तैनात थे। लेकिन माटी की महक उन्हें सात समंदर पार से वापस खींच लाई। तय किया कि अब विदेश की बजाए भारत में ही काम करना है। अपनी माटी और थाती से जुड़े कैप्टन कुनाल ने देहरादून में 2019 में देहरादून में इंटरनेशनल मैरीटाइम बिजनेस एकादमी की शुरुआत की। यह एकादमी भारत की एकमात्र एकादमी है जो कामर्सियल शिपिंग आपरेशन, मैरीटाइम लॉजिस्टिक और मैरीटाइम लॉ में कोर्स कराती है। सबसे अहम बात यह है कि यहां से कोर्स करने वाले सभी छात्र-छात्रों को 100 प्रतिशत जॉब मिल रहा है। कैप्टन कुनाल के अनुसार इस साल उनके पास 50 स्टूडेंट्स थे। सभी को 25 इंटरनेशनल कंपनियों में जॉब मिल गया है।
आईएमबीए ने अब श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से एफिलिएशन ले लिया है। महज तीन साल में संस्थान की यह एक बड़ी उपलब्धि है। एकादमी यहां से शिपिंग बिजनेस के विभिन्न यूजी, पीजी और स्पेश्यल प्रोग्राम के कोर्स संचालित करेगी। कैप्टन कुनाल के अनुसार कामर्सियल शिपिंग में करिएर की अपार संभावनाएं हैं। उनका दावा है कि यूजी और पीजी समेत सभी छात्रों को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दिया जाएगा, क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में इनकी बहुत मांग है। उनके अनुसार वह केवल उतने ही स्टूडेंटस को दाखिला देंगे, जिनका प्लेसमेंट गारंटिड हो।
कैप्टन कुनाल युवा हैं और उनमें जज्बा है कि उत्तराखंड के युवाओं को कमर्सियल शिपिंग बिजनेस से जोड़ा जाएं। उनके मुताबिक कई कोर्स ऐसे हैं जिसमें शिप में चढ़ने की जरूरत नहीं है। यानी घर या आफिस में बैठे भी नौकरी की जा सकती है। कैप्टन कुनाल के अनुसार उन्हें इस बात की खुशी है कि वह पहले अपने लिए नौकरी करते थे, लेकिन अब युवाओं को नौकरियां दिला रहे हैं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]