खेलों को नया आयाम देंगे बलूनी ग्रुप और आईटीएम

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  • क्वालिटी एजूकेशन के लिए जाने जाते हैं दोनों संस्थान
  • डाक्टर मतलब बलूनीज प्रॉडक्ट तो आईटीएम का अर्थ 100 फीसद प्लेसमेंट

बलूनी ग्रुप क्वालिटी एजूकेशन के साथ ही खेलों को नया आयाम दे रहा है। उनकी इस मुहिम में आईटीएम भी शामिल हो गया है। बलूनी ग्रुप के एमडी विपिन बलूनी और आईटीएम के चेयरमैन निशांत थपलियाल ने मास्टर्स खेलों की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए अहम प्रयास शुरू कर दिये हैं। दोनों दिग्गज आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले। सीएम धामी ने देहरादून में 11 से 13 नवम्बर को आयोजित होने वाले नेशनल मास्टर्स गेम्स के लिए पोस्टर लांच किया।
उत्तराखंड में यह अपनी तरह की अनूठी पहल है। एमडी विपिन बलूनी के अनुसार नेशनल मास्टर्स गेम्स में 10 प्रतिस्पर्धाएं आयोजित होंगी। इस प्रतियोगिता में देश भर से 3000 खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। गौरतलब है कि मास्टर्स गेम्स में 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। इसमें बैडमिंटन, शूटिंग, फुटबाल, वालीबाल, एथेलेटिक्स आदि शामिल हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि एसबीपीएस और बीपीएस खेलों में देश भर के टाप 200 स्कूलों में शुमार है। बलूनी स्कूल में बैडमिंटन, बाक्सिंग, शूटिंग, फेंसिंग, आर्चरी और क्रिकेट एकादमी हैं। इसके अलावा इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बलूनी क्लासेस उत्तर भारत का नामी संस्थान है। उत्तराखंड में मौजूदा समय में डाक्टरी पढ़ने वाला हर तीसरा छात्र बलूनी का प्रोडक्ट है।
आईटीएम क्वालिटी एजूकेशन देने के लिए प्रसिद्ध है। आईटीएम के छात्रों को इस साल भी 100 प्रतिशत प्लेसमेंट मिला है। यहां के छात्रों को ग्रेजुएशन के साथ ही पांच से 15 लाख का पैकेज मिला है। विप्रो ने यहां के कई छात्रों को नौकरियां तो दी ही साथ ही उन्हें बिट्स पिलानी से एमटेक भी करवाया जाएगा। देश की 50 से भी अधिक नामी कंपनियां आईटीएम के छात्रों को प्लेसमेंट देती हैं। आईटीएम ने चुक्खु मोहल्ले में स्थित गुरुनानक स्कूल परिसर को खेलों के लिए गोद लिया है और इस स्कूल में बास्केटबाल और बैडमिंटन कोर्ट बना दिया है। यह स्कूल परिसर शाम को असामाजिक तत्वों का अड्डा था लेकिन अब यहां शाम को न सिर्फ खेलते हैं बल्कि लड़कियां भी बेखौफ खेलने के लिए आती हैं।
पढ़ाई के साथ खेलों को प्रोत्साहन देने वाले बलूनी ग्रुप और आईटीएम के प्रयास सराहनीय हैं।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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