धोबी पछाड़ दाव मार गए अरविंद केजरीवाल, हिंदुत्व कार्ड का तोड़ निकाला

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  • उत्तराखंड को आधात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा,
  • कर्नल कोठियाल को विधिवत सीएम चेहरा घोषित किया

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दो महीने में ही भाजपा-कांग्रेस की रीढ़ पर कड़ा प्रहार किया है। आज उन्होंने धोबी पछाड़ दाव खेलते हुए भाजपा और कांग्रेस के मुंह से आध्यात्मिक राजधानी का मुद्दा भी छीन लिया। पहाड़ के लोग पिछले 20 साल से मांग करते रहे कि देवभूमि को आध्यात्मिक राजधानी बनाया जाए लेकिन भ्रष्टाचार के गहरे दलदल में धंसे भाजपा-कांग्रेस को सुध कहां? निश्चित तौर पर केजरीवाल ने यह घोषणा कर एक तीर से दो शिकार किए हैं। पहला यह कि क्षेत्रीय दलों की मांग को अपनी आवाज दे दी और दूसरे जो लोग आप को मुसलमानों की आड़ लेकर प्रहार कर रहे थे यानी कि भाजपा समर्थकों का मुंह भी बंद कर दिया। आप के खिलाफ हिंदुत्व का कार्ड अब नहीं चल पाएगा। दूसरे राष्ट्रवाद की दुहाई देने का भाजपा का मुद्दा भी केजरीवाल ने एक वार से धाराशाई कर दिया। इसमें कोई शक नहीं कि उत्तराखंड की राजनीति में मौजूदा समय में कर्नल अजय कोठियाल से बड़ा कोई देशभक्त नहीं है।
गढ़वाल के पूर्व कमिश्नर आईएएस पांगती और पीसी थपलियाल पिछले कई साल से चिल्ला रहे थे कि उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी घोषित करना चाहिए। उत्तराखंड रक्षा मोर्चा ने यह पहल की थी। लेकिन जनरल बीसी खंडूडी की बेवफाई से मोर्चा नहीं चल सका। हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में रक्षा मोर्चा को अच्छे वोट मिले थे। वित्तीय हालत खराब होने पर पूर्व सैन्य अफसरों और अफसरों के मोर्चा का जनरल टीपीएस रावत ने आम आदमी पार्टी में विलय कर दिया। निश्चित तौर पर आध्यात्मिक राजधानी का श्रेय कमिश्नर पांगती को जाना चाहिए।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में भले ही आप को जनता वोट न दें लेकिन केजरीवाल ने भाजपा-कांग्रेस को दो बड़ी चोट दे दी हैं। चुनाव तक राजनीति के शतरंज पर ऊंट किस करवट बैठेगा, यह अभी कहा नहीं जा सकता है लेकिन यह तय है कि आप की वजह से भाजपा-कांग्रेस के माथे पर पसीना तो रहेगा। पहले इन दोनों दलों के पेशानी पर कोई दल इस कदर परेशानी नहीं दे सका था।

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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