सीएम धामी की नैया डुबो रहे उनके ही लोग

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  • पहले जबरन धरने से उठाया, फिर लाठीचार्ज पथराव
  • अब बेरोजगार संघ के नाम पर कोचिंग संचालकों से मुलाकात

सीएम धामी ने सख्त नकल कानून बनाकर एक अच्छा कदम उठाया है, लेकिन उनकी सुरक्षा टीम, एलआईयू और सलाहकार ही उनकी नाव डुबाने में जुटे हुए हैं। क्या पुलिस या एलआईयू ने उन लोगों की जांच नहीं की कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधि हैं या कोचिंग संचालक? क्या ये गलती है, या आंदोलन तोड़ने का षडयंत्र? यदि षडयंत्र है तो फिर कोई बात नहीं। सरकार का काम ही ऐसा होता है। आंदोलन तोड़ने के लिए हरसंभव प्रयास होते हैं। कोई बुराई नहीं।
यदि सच में इन कोचिंग संचालकों को सीएम से बेरोजगार संघ की प्रतिनिधि कहकर मिलवाया गया है तो यह गंभीर बात है और सीएम का समस्त सुरक्षा स्टाफ को तुरंत प्रभाव से बदल देना चाहिए। साथ ही एलआईयू और पास जारी करने वाले अधिकारियों को बदला जाना चाहिए। यह खतरनाक स्थिति है। आज बेरोजगार संघ के नाम पर कोई सीएम तक पहुंच गया तो कल कोई असामाजिक तत्व भी वहां पहुंच सकता है।
वैसे भी सीएम धामी के सारे कार्यों को पलीता उन्हीं के लोग लगा रहे हैं। धरना दे रहे बेरोजगारों को रात को जबरन उठाना, उनके साथ अभद्रता करना, दूसरे दिन पुलिस-प्रशासन का फ्ल्योर रहा है। अब बेरोजगार संघ के नाम पर कोचिंग संचालक पहुंच गये। सीएम का सुरक्षा स्टाफ कर क्या रहा है और क्या कर रहे हैं सीएम के सलाहकार। सबको बदल दिया जाना चाहिए।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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