जीवन का अनुभव

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महत्वपूर्ण यह नहीं है कि व्यक्तिगत जीवन में मनुष्य ने कितनी संपत्ति का संग्रह किया, समाज में प्रतिष्ठा और व्यापार/व्यवसाय में उन्नति तथा नौकरी में पदोन्नति प्राप्त की।
अपितु विचारणीय यह है कि संतान में व्यवहार और संस्कार का बीजारोपण हुआ अथवा नहीं?

प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली

जीवन का अनुभव

 

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