जीवन का अनुभव

सबकी सुनें, सुनकर मस्तिष्क से गुणें, गुण कर अर्थात मनन-चिंतन और विश्लेषण के उपरांत मन की करें । लेकिन मनमानी ना करें, क्योंकि कभी कभी मनमानी अनैतिकता की ओर अग्रसर कर देती है। प्रो. (डॉ) सरोज व्यास (लेखिका-शिक्षाविद्) निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान, (गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली जीवन का अनुभव