साधारण रूप से मनुष्य कभी कभी कह देते हैं कि अमुक व्यक्ति भगवान का बहुत बड़ा भक्त है अथवा यह अमुक व्यक्ति का अनन्य भक्त है।
आखिर भक्ति है क्या?
विश्वास, संबंध और सर्मपण को शास्त्रों में भक्ति कहा गया है।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली