अत्यधिक खुशी और दुःख के समय में आवेश, संवेग एवं भावनाओं की अभिव्यक्ति पर अंकुश (काबू में रखना) लगाना अति आवश्यक है।
क्योंकि
“कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात लौट कर वापस नहीं आती हैं”।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली