अनमोल-धारा: जीवन का अनुभव

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ज्ञानार्जन के लिए समर्पण चाहिए। बिल्कुल वैसा ही जैसा बिल्ली के बच्चे का होता है।
कभी ध्यान पूर्वक देखिए, बिल्ली का बच्चा स्वयं को अपनी मां को समर्पित कर देता है, और वह उसे मुंह में दबाकर इधर-उधर की दुनियादारी सिखाती है।
डा. सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)

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