इस लग्न के जातको में सदैव नई चीज को सीखने की ललक और कला होती है

मिथुन लग्नः कालपुष की कुण्डली में मिथुन राशि तीसरे भाव का प्रतिनिधित्व करती है। जन्मकुण्डली का तीसरा भाव पराक्रम व साहस का होता है, इसलिए जब तीसरा भाव लग्न बनता है तो व्यक्ति में पराक्रम की कोई कमी नहीं होती है, ऐसे व्यक्ति अत्याधिक परिश्रमी होते हैं। मिथुन लग्न के जातको में सदैव नई चीज … Continue reading इस लग्न के जातको में सदैव नई चीज को सीखने की ललक और कला होती है