पैंया की पुजाई में क्यों आता है बाज?

क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है या दैवीय आधार? एक पखवाड़े पहले पौड़ी के गांव सिरुंड में नरंकार भगवान की पूजा थी। पूजा के लिए पश्वा और ग्रामीण गांव से कुछ दूर स्थित पैंया के पेड़ के नीचे गये। वहां ढोल दमाऊ की थाप पर पश्वा नाचे। देर तक बाजे बजते रहे। पैंया पेड़ की … Continue reading पैंया की पुजाई में क्यों आता है बाज?