जीवन का अनुभव

बॉस (अधिकारी) के अगाड़ी (आगे अर्थात् नेतृत्व करना) और घोड़े के पिछाड़ी (पीछे अर्थात् पूंछ के बहुत करीब) भूलकर भी नहीं चलना चाहिए। क्योंकि अधिकारी को कौन-सी बात कब आहत कर दे और कर्मचारी की छुट्टी हो जाए तथा घोड़ा कब प्रवृत्ति वश दुलत्ती (लात) मार दे और मनुष्य घायल हो जाए? यह कोई नहीं … Continue reading जीवन का अनुभव