नई दिल्ली, 2 जून। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अंगीकार के लिए मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मसौदे को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा अब राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा/वितरित जाएगा। इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून में उपयुक्त संशोधन करके लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
सरकारी बयान के अनुसार, इससे देश में किराये के लिए आवास के बारे में कानूनी ढांचे का कायापलट करने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो सकेगा। इसमें कहा गया है कि मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मकसद देश में एक विविधतापूर्ण, टिकाऊ और समावेशी किराये के लिए आवासीय बाजार सृजित करना है। इससे हर आय वर्ग के लोगों के लिए पर्याप्त संख्या में किराये के लिए आवासीय इकाईयों का भंडार बनाने में मदद मिलेगी। मॉडल किरायेदारी अधिनियम से आवासीय किराया व्यवस्था को संस्थागत रूप देने में मदद मिलेगी।
(साभारः भाषा)