बीस करोड़ से अधिक की आबादी वाला समुदाय अल्पसंख्यक कैसे!

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चंडीगढ़, 18 मई। अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा ने आज कहा कि देश में अल्पसंख्यकवाद एक राष्ट्रीय समस्या बन गई है। मोर्चा ने कहा कि देश में बीस करोड़ की अधिक आबादी वाले समाज का अल्पसंख्यक का दर्जा कैसे बना रह सकता है।

मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि रंजन सिंह, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद सिंह चंदेल, राष्ट्रीय महासचिव सुशील गणेशिया और सवर्ण युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव एवं दिल्ली प्रदेश प्रभारी अमर कुमार सिंह ने कहा कि इतने बड़े समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलना चाहिए। ये समुदाय अल्पसंख्यकवाद के नाम पर आज भी विशेष लाभ ले रहा है। जबकि इस लाभ के असली हकदार गरीब वर्ग है, जिसका कोई जात-पात और धर्म नहीं है।

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उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में भी कल्याण के नामपर इस वर्ग को पैंतीस हजार पांच सौ करोड़ रुपये दिया गया। वहीं, सवर्ण वर्ग और अन्य जातियों के गरीब वर्ग के उत्थान के लिए किसी भी सरकार द्वारा आज तक कोई ठोस कार्य नहीं किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि देशहित में अल्पसंख्यकवाद की परिभाषा फिर से तय की जाए और सभी जाति धर्मों के गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाए।

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