कोरोना से निपटने में सहायक सिद्ध होगा अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं वाला अस्पताल

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मुख्यमंत्री ने मंडी के भंगरोटू में मेकशिफ्ट अस्पताल का किया लोकार्पण

मंडी, 3 जून। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज मंडी जिले के भंगरोटू में नवनिर्मित मेक शिफ्ट कोविड अस्पताल का लोकार्पण किया। इसके उपरांत उन्होंने अस्पताल के सभी खंडों का अवलोकन कर स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं का जायजा लिया। इसके पश्चात मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित यह अस्पताल कोविड महामारी से निपटने में सहायक सिद्ध होगा। इस महामारी के समाप्त होने के बाद यह अस्पताल सुपर स्पेशियेलिटी सुविधा के तौर पर उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट से दृढ़ता के साथ निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार के साथ-साथ इसे सुदृढ़ करने तथा क्षमता निर्माण में बेहतरीन काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के बेहतर प्रबंधन के परिणामस्वरूप ही कोरोना मामलों में वृद्धि होने की परिस्थिति में भी मरीजों के लिए ऑक्सीजन बैड और ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी नहीं आई।

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कोविड काल में ही राज्य में आठ पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए हैं तथा 12 और प्लांट लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले केवल 50 वेंटिलेटर उपलब्ध थे, जिनमें से भी कुछ ठीक से कार्य नहीं करते थे। वर्तमान प्रदेश सरकार ने 700 कार्यशील वेंटिलेटर स्थापित किए है। इसके अलावा आज प्रदेश में 1700 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के लिए ऑक्सीजन कोटा 15 मीट्रिक टन था, जिसे राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन कर दिया है।

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना मरीजों को बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए प्रदेश में ऑक्सीजन बैड की संख्या 1200 से 5000 तक बढ़ाई गई है तथा अत्याधुनिक मेक शिफ्ट सुविधाएं निर्मित की गई हैं। राधा स्वामी सत्संग आश्रम परौर में 250, खलियार और सोलन में 200-200 ऑक्सीजनयुक्त बैड सुविधा निर्मित की गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार के सहयोग के लिए राधा स्वामी सत्संग प्रबंधन का आभार व्यक्त किया। प्रदेश में पिछले 10-12 दिन में कोविड मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। एक समय में सक्रिय मामलों की संख्या 40 हजार से अधिक पहुंच गई थी, जो अब घट कर लगभग 11 हजार हो गई है तथा मृत्युदर में भी कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में गिरावट जारी रहने पर कोविड केयर के लिए समर्पित मौजूदा स्वास्थ्य संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से डिनोटिफाई किया जाएगा।
इस मेकशिफ्ट कोविड अस्पताल का निर्माण 2300 वर्ग मीटर क्षेत्र में 7 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस अस्पताल में 104 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर, 18 बैड की आईसीयू सुविधा और 10 बिस्तरों के लेबर कम रिकवरी रूम सहित ऑपरेशन थियेटर की सुविधा उपलब्ध है। ऑपरेशन थियेटर में हार्ट अटैक जैसे मामलों में हृदय गति को सामान्य लाने के लिए अत्याधुनिक डीफिब्रिलेटर मशीन लगाई गई है। यहां ऐनेसथिसिया वर्क स्टेशन भी स्थापित किया गया है। अस्पताल में मैनीफोल्ड ऑक्सीजन प्लांट से हर बैड के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने मंडी जिले में कोरोना की स्थिति और रोकथाम को लेकर किए प्रबंधों का जायजा लेने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक मंडी के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता भी की। मुख्यमंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत पूर्व तैयारी और क्षमता में वृद्धि करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सटीक रणनीति एवं पूर्व तैयारी बहुत जरूरी है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है, इसे देखते हुए प्रदेश में बच्चों की स्वास्थ्य जरुरतों के अनुरूप सभी प्रबंध किए जा रहे हैं। पूर्व तैयारी के तौर पर आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। 15 जून के बाद प्रदेश में 18 प्लस समूह के लिए फिर से वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी और टीकाकरण कार्य तेज गति से चलेगा। उन्होंने जिले में कोविड 19 से निपटने की तैयारियों को और पुख्ता करने तथा उपमंडलों में नागरिक अस्पतालों को कोविड प्रबंधन के लिए तैयार करने की दृष्टि से योजना बनाने को कहा। बैठक में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने विभिन्न सिविल अस्पतालों में कोविड उपचार अनुरूप उपयुक्त व्यवस्था विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों के लिए घर के समीप स्वास्थ्य उपचार सुविधा विकसित करने के प्रयास किए जाएं ताकि कोविड के सामान्य मामलों को वहीं पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके। इससे दूरदराज क्षेत्रों से मरीजों को मंडी या नेरचौक शिफ्ट करने में लगने वाला समय भी बचेगा। श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय कॉलेज नेरचौक के प्रधानाचार्य डॉ.आर.सी. ठाकुर ने अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना मरीजों के उपचार के बारे एवं स्वास्थ्य प्रबंधों की जानकारी दी। उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने जिले में कोरोना की स्थिति और विभिन्न तैयारियों का विवरण दिया।

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