आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश गीत की रचना की जाएगी

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शिमला, 14 सितंबर। भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने हिन्दी दिवस के अवसर पर आज यहां भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गठित प्रारूप समिति से सुझाव लिए गए हैं और अधिकारियों को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए रूपरेखा और प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए ग्ए हैं। प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में संस्कृत भाषा के अध्यापकों के नए पद सृजित करने संबंधी मामला मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और संस्कृत अधिकारियों को नियुक्त करने की संभावनाएं तलाश की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिन्दी भाषा और प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि बच्चों में संस्कृत भाषा के प्रति रूझान को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयों में तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षाओं में संस्कृत भाषा पढ़ाई जाएगी जिससे प्रारंभिक स्तर पर ही बच्चे संस्कृत भाषा की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
उन्होंने अधिकारियों को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश गीत की रचना करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस गीत में प्रदेश के अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों और गुमनाम योद्धाओं की वीर गाथाओं को शामिल किया जाएगा। गीत की रचना के पश्चात प्रदेश में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में इसका गायन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के स्वर्ण जयंती समारोह और आजादी के अमृत महोत्सव को समाहित कर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, भाषा कला एवं संस्कृति आरडी धीमान, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा डॉ. पंकज ललित सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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