अक्षय तृतीया पर्व 2021ः करें ये उपाय महालक्ष्मी आएगी आपके द्वार

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क्या है अक्षय तृतीयाः

अक्षय का तात्पर्य जो कभी खत्म न हो, जिसका कभी क्षय न हो अबाध रहे। कहा जाता है कि इस दिन ही हमारे सनातन धर्म में ऋषियों ने यज्ञ का प्रारंभ किया था। इस तिथि को दस महाविद्या में से एक महा विद्या माता मातंगी देवी का प्रादुर्भाव माना जाता है। आज का दिन मानव सृष्टि के महत्वपूर्ण दिन है कहा जाता है- आज के दिन सौरमण्डल में ग्रहों की स्थिति विशेष संयोजन की स्थिति में होती है जिससे किसी भी कार्य के लिए आज दिवस महत्वपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन से त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था…. आज के ही दिन भगवान विष्णु षष्ठम अवतार में भगवान परशुराम के रूप में इस धरा पर अवतरण लिए थे।

 

क्यों मनाएं अक्षय तृतीयाः

कुछ मुहूर्त और दिन ऐसे होते हैं जो अपने आप स्वयं सिद्ध दिवस होते हैं इस दिन कोई भी कार्य बिना मुहूर्त के किया जा सकता है और इस दिवस को प्रारंभ किया गया कार्य की परिणिति भी पूर्णता को प्राप्त होती है। बार-बार प्रयत्न करने के बाद भी यदि आपको किसी कार्य में सफलता नहीं मिल रही हो तो आप इस दिवस को अपने कार्य को कीजिए सफलता मिलेगी ही। जिन जातकों को विवाह बंधन में बंधना होता है वो इस दिवस में विवाह कर सकते हैं।

 

अक्षय तृतीया 2021 मई के महीने में कब हैः

अक्षय तृतीया हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को है-

इस तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है।

 

जाने अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्तः

हालांकि आज का पूरा दिन अपने आप में शुभ दिन माना जाता है, जिसमें काल की गणना नहीं की जाती परंतु फिर भी पंचाग के अनुसार इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को है, जिसका पूजन का शुभ मुहूर्त का समय प्रातः 05 बजकर 37 मिनट से दिन के दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। और अक्षय तृतीया का समापन 15 मई 2021 की सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर समाप्त माना जाएगा।

आरती लक्ष्मी जी की

माता लक्ष्मी की पूजा से आती है संपन्नताः

मान्यता है कि आज के दिन माता की लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से पूरे वर्ष घर में संपन्नता व्याप्त रहती है। ऐसी भी मान्यता है इस दिन स्वर्ण खरीदना भी शुभ माना जाता है। घर में स्वर्ण लाना माता लक्ष्मी का आगमन का प्रतीक है। यदि संभव हो तो आज के दिन सोना की खरीदी थोडे ही मात्रा में करें पर अवश्य करें।

 

क्या करें अक्षय तृतीया के दिन…

1. आज प्रातः किसी पवित्र नदी, तालाब में स्नान करें। यदि संभव न हो तो आप घर में स्नान करने वाले जल में गंगा जल मिलाकर उसमें स्नान कर पवित्रता का बोध करें। शारीरिक स्नान से ज्यादा मन में भी पवित्रता का बोध होना।

2. प्रातःकाल शुभ मुहूर्त कें दैनिक संध्या वंदना करना चाहिए एवं अपने पितरों और देवताओं का ध्यान करना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

3. अपने पितरों व देवताओं के नाम से यथा शक्ति गरीबों, जरूरत मंदों को दान करना चाहिए। आज के दिन दान का विशेष महत्व है। दान में क्या दे यह जरूरी नही पर दान अवश्य करना चाहिए।

4. मंदिरों में या राह चलते राहगीरों के लिए पीने के पानी के लिए आज मिट्टी के घडे का भी दान किया जाता है, जिससे इस गर्मी के दिनों में प्यासे की प्यास बुझने से उसका पुण्य का लाभ कहीं न कहीं आप को भी मिलता है।

5. कहा जाता है प्रकृति में आपका कर्म वापस आपके पास आपके वंशजों के पास उसका फल वापस लौट कर आता है, यदि आपने अच्छे कर्म किए तो उसका फल अच्छा मिलता है। यदि आपने किसी के साथ छल झूठ धोखा किया तो वह उसी रूप में वापस आपके पास आएगा। अतः हमें अच्छे कर्म करने की प्रवृति स्वयं तथा अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए।

6. सायंकाल शुभ मुहूर्त में गृहलक्ष्मी स्वच्छ और अच्छे कपडे पहनकर पूरे परिवार के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अराधना, आरती संपन्न करें।

7. माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की प्रतिमा पर अक्षत चढाना चाहिए।

8. आज के दिन पितृ दोष निवारण हेतु पितरों का तर्पण देना बहुत लाभ दायक होता है।

 

क्या न करें अक्षय तृतीया के दिन…

1. आज आलस का त्याग करें।

2. किसी के दिल को दुखी करने जैसी बात न करें।

3. आज के दिन तामसिक भोजन ग्रहण न करें। मदिरा का सेवन न करें।

4. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

आरती प्रथम पूज्‍यनीय गणेश जी की

अक्षय तृतीया के दिन क्या दान करे…

आज के दिन पितरों और देवताओं के नाम से दान करने से माता महालक्ष्मी प्रसन्न होती है। जिससे अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

आज पितरों के नाम से जल से भरा हुआ घडा, सफेद वस्त्र, नमक, शरबत, चांवल, बर्फी, पंखा, छाता, चांदी का सामान दान करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है।

इस पर्व को सर्वे भवन्तु सुखिनः इस भावना से मनाना चाहिए।

– स्वामी श्रेयानन्द

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