शिमला, 22 मई। अभिभावक संघ शिमला ने आज एक बार फिर प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने की मांग की है। संघ का आरोप है कि निजी स्कूल अभी तिमाही आधार पर फीस वसूल रहे हैं और उच्चतम न्यायालय के 15 फीसदी कम फीस लेने के आदेश का पालन भी नहीं कर रहे हैं।
अभिभावक संघ शिमला के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने कहा कि हम निजी स्कूलों से पहले भी कई बार अभिभावकों की कोरोना काल में आर्थिक स्थिति को देखते हुए फीस को हर माह लेने के अनुरोध कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय भी इस बारे में जांच बिठा चुका है, परंतु स्कूल मालिकों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। स्कूल प्रबंधन अभी दो-तीन किश्तों में और बढ़ी हुई फीस लेने पर कायम है।
ठाकुर ने कहा कि हमारा संघ लगातार सरकार से निजी स्कूल फीस नियंत्रण बिल लाने, कोरोना काल के इस दूसरे वर्ष में भी निजी स्कूलों से एनुअल चार्जेज ना लेने और फीस में वृद्धि ना करने के शिक्षा निदेशक के पिछले साल के 5 दिसंबर के आदेशों का पालन करवाने और पीटीए को पुनर्गठित करवाने के लिए मांग करता आ रहा है।
संघ के शिमला अध्यक्ष रमेश कुमार ठाकुर, हमिंदर धौटा-कन्वीनर, आचार्य सीएल शर्मा-सचिव, हरी शंकर तिवारी-सलाहकार, डॉक्टर संजय-मुख्य संरक्षक, कुलदीप सिंह सड्याल -कोषाध्यक्ष, पवन मेहता-मीडिया प्रभारी, जीतेंद्र यादव-उपाध्यक्ष एवं शिमला कार्यकारिणी के सदस्य कुसुम शर्मा, रीता चौहान, प्रतिभा, सुरेश वर्मा, ज्ञान चन्द, अम्बीर सिंह सहजेटा, प्रियंका तंवर, तारा चंद थरमाणि-कुल्लू शाखा और हेमा राठौर ने शिमला प्रशासन, शिक्षा निदेशालय, शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि निजी स्कूलों की मनमानी नहीं रूकी तो संघ अंतिम रास्ते के तौर पर कोरोना कर्फ्यू हटने और हालात में सुधार के बाद लोकतांत्रिक अधिकार का पालन करने के लिए मजबूर हो जाएगा।