‘8 साल के बच्चेे 18 के हुए, मोदी राज में नहीं दिख रहा भविष्य’

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8 साल के बच्चेे 18 के हुए, मोदी राज में नहीं दिख रहा भविष्य: आनंद शर्मा

ज्वालामुखी (कांगड़ा), 24 मई। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में जो दल सत्ता में होते हैं चुनाव में जनता उनसे हिसाब लेती है। मौजूदा मोदी सरकार अपने दस साल के वायदों का हिसाब नहीं दे रही है। वर्ष 2014 में यह बात जनता को अच्छी लगती थी जब मोदी अच्छे दिन आएंगे कहते थे। यह बातें उन्होंने कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित विभिन्न नुक्कड़ सभाओं में जनता को संबोधित करते हुए कहीं। इस अवसर पर उनके साथ स्थानीय विधायक संजय रत्न, उत्तराखंड के विधायक सार्थक हृदेश, रामेश्वर दत्त समेत कांग्रेस के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।

आनंद शर्मा ने कहा कि जो वर्ष 2014 में आठ साल के बच्चे थे वो आज 18 साल के हो चुके हैं। हर मां-बाप को चिंता होती है कि उनके बच्चों का जीवन अच्छा बने, देश और दुनिया में अपना नाम कमाएं, उन्हें अच्छी नौकरी मिले। ऐसे में देश की जनता को तब अच्छे दिन की बात बहुत लुभाती थी और उन्हें उम्मीद थी कि उनके बच्चों के बड़े होने तक देश में आगे का रास्ता बना होगा, मगर वही आठ साल के बच्चे अब जब 18 साल के हैं और पहली बार वोट डालेंगे तो देश की स्थिति कुछ और है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल के बाद सिर्फ बेरोजगारी और महंगाई की स्थिति नजर आ रही है। युवाओं को आगे भविष्यस में कुछ नहीं दिख रहा है। पिछले दस साल में सिर्फ कामयाबी का शोर होता रहा, मगर आगे की पीढ़ी के भविष्य के लिए क्या किया गया है पता नहीं है और न ही बता रहे हैं। हर साल 2 करोड़ रोजगार के दावों का कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपने दस साल पहले की सरकारों को कोसने और अपमानित करने में ही लगा दिए।

उन्होंने कहा कि यह चुनाव देश और दुनिया के लिए विशेष महत्व रखता है। सबसे बड़ी पंचायत का सबसे बड़ा चुनाव है, जो दुनिया में भी सबसे बड़ा चुनाव है। दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि भारत के लोग कैसी सरकार चुनेंगे। दुनिया में कई समस्याएं हैं आर्थिक टकराव हैं, युद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा चुनावों में देश की जनता सही फैसला लेगी तो देश बिना किसी तनाव के भाईचारे की भावना से आगे बढ़ेगा, जिससे पूरे विश्व को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में राजनीतिक संवाद कतूता से भर गया है। आने वाले समय में देश की युवा पीढ़ी के लिए यह तनाव अच्छा नहीं है। भारत की विशालता, विविधता और अन्य चुनौतियों को समझना होगा।

भाजपा का इरादा संविधान का खत्म करनेे का

आनंद शर्मा ने कहा कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि देश की पहचान केवल मई 2014 से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस गलतफहमी को दूर किया जाए। दूसरी दुनिया में विचरण कर रहे लोगों को असली दुनिया दिखानी होगी। देश की जनता को अपने वोट और संविधान का महत्व समझना होगा। उन्होंने कहा कि वोट का अधिकार तब तक सुरक्षित है, जब तक देश का संविधान कायम है। भाजपा का इरादा दूसरा है। भाजपा 400 सीटों के दावों के साथ संविधान बदलना चाहती है और संसदीय प्रणाली को खत्मा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर इनको इतना बढ़ा बहुमत मिला तो यह देश का अखिरी चुनाव होगा।

दस साल पहले बहुत वायदे किए, मगर नहीं आए अच्छे दिन

दस साल पहले बहुत वायदे किए गए। न तो एक साल में दो करोड़ नौकरियां दी गईं, न ही महंगाई कम हुई। किसी के भी खाते में 15-15 लाख नहीं आए। रुपया मजबूत होने के दावे किए, मगर डॉलर की कीमत दो गुणा बढ़ गई। गैस सिलेंडर 2014 में 400 रुपये था जो अब 1200 रुपये के करीब है। उन्हों ने कहा कि अच्छे दिन आने के वायदे किए थे, क्या ये अच्छे दिन हैं। इन्होंने जो वायदे किए पूरे नहीं किए।

मनमोहन सरकार के समय चार गुणा बढ़ी थी जीडीपी

आनंद शर्मा ने कहा कि जब देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी तो कई वायदे पूरे किए गए। दूसरे देशों के साथ संबंध सुधारे गए और देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले झूठे दावे कर रहे हैं कि देश तेजी से बढ़ रहा है, जबकि दस साल में ये दोगुनी बढ़ौतरी नहीं कर पाए हैं। वहीं मनमोहन सिंह की सरकार के समय जीडीपी में चार गुणा वृद्धि हुई थी और अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा दी गई थी।

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