शिमला/सांगला घाटी (किन्नौर), 13 जुलाई। सांगला घाटी में फंसे 118 पर्यटकों को वायुसेना की मदद से सुरक्षित निकालने के उपरांत आज मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू नौ अन्य पर्यटकों को अपने साथ हेलीकॉप्टर में शिमला तक लेकर आए।
मुख्यमंत्री कुल्लू, मंडी और लाहौल-स्पीति जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के उपरांत आज किन्नौर जिले में भारी बारिश के कारण बाढ़ग्रस्त सांगला घाटी के दौरे पर पहुंचे थे।
सांगला घाटी में फंसे विदेशी नागरिकों ने राहत एवं बचाव अभियान के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इजरायली नागरिक ताली और न्यूजीलैंड के हेलन एवं चैस्टर दंपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रदेश के मुखिया व्यक्तिगत तौर पर बचाव अभियान में पूरी सक्रियता के साथ शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल के पर्यटकों का एक 34 सदस्यीय दल पिछले पांच दिन से सांगला घाटी में फंसा हुआ था और हवाई सेवा के माध्यम से उन्हें चोलिंग तक पहुंचाने के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की। यह दल यहां से आगे चंडीगढ़ तक की यात्रा बस से पूरी करेगा। दल की सदस्य शोनाली चटर्जी ने बताया कि सरकार और प्रशासन की ओर से उन्हें प्राथमिक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई। स्थानीय लोगों से भी उन्हें भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ।
किन्नौर जिले के रक्चम गांव के पंकज नेगी का अनुभव भी कुछ ऐसा ही रहा। उन्होंने बताया कि वह गुजरात में काम करते हैं और छुट्टी मनाने के लिए घर आए थे। बारंग गांव की दारा नेगी अपने रिश्तेदारों से मिलने पहुंची थी। भारी बारिश के कारण यह दोनों यहां फंस गए और अब सुरक्षित वापसी के लिए दोनों ने स्थानीय प्रशासन व सरकार का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने सांगला दौरे के दौरान प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये की त्वरित राहत प्रदान करने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त गृह निर्माण के लिए उन्हें तबादले पर भूमि उपलब्ध करवाने का विकल्प भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने टोंगटोंग छे नाले पर सुरक्षा दीवार के निर्माण के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावितों से संवाद के दौरान उनका कुशलक्षेम जाना और जिला प्रशासन को उन्हें आवश्यक वस्तुओं सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर चन्द्रताल से 255 लोगों की सुरक्षित वापसी की सुनिश्चित