जब बंदर होगा राजा तो गीदड़ों से हिरण को कौन बचाएगा?

868

– एक पेड़ से दूसरे पेड़ कूद रहा बंदर, बताओ, उसके प्रयास में कोई कमी है?
– अयोग्य नेतृत्व का चुनाव होगा तो प्रजा यूं ही मारी जाएगी।

दोस्तों, कई लोग मानते हैं कि मैं रात को टुल हो जाता हूं और फिर शब्दबाण से कई लोगों का करेक्टर असिसनेशन करता हूं। सो, आज मैंने तय किया कि ये काम सुबह-सुबह ही करना बेहतर है। तो पढ़िये आज की कहानी:-

बधाई हो प्रदेशवासियों, संत बन गए त्रिवेंद्र चचा!

जंगल में एक बार आम सभा हुई। तय हुआ कि शेर के अलावा किसी को राजा बनना चाहिए। बस फिर क्या था, एक बंदर को राजा बना दिया गया। एक दिन हिरण बंदर राजा के पास आया और बोला, मेरे बच्चे को गीदड़ उठा ले गया, उसे बचाओ। बंदर तुरंत एक पेड़ पर चढ़ गया और फिर दूसरे-तीसरे और कई पेड़ों पर उछल-कूद करने लगा। खरगोश और अन्य जानवरों ने कहा, राजा ये क्या कर रहे हो? बंदर राजा पेड़ से उतरा और बोला, देखा, मैंने कहा था कि प्रजा की भलाई के लिए खूब मेहनत करूंगा। अब तुम ही बताओ, मेरे प्रयास में कोई कमी है तो फिर पेड़ पर चढ़ जाता हूं।

मोराल:- कई लोग भाग्य से वो सब पा जाते हैं जिसके काबिल वो नहीं होते। कई लोग बिना लक्ष्य के मेहनत करते हैं, जिसका कुछ भी परिणाम आना नहीं है। इस कहानी का संबंध आज के राजा से है।

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here