वाह, सीएम हो तो धामी जैसे धाकड़। प्रदेश के मुखिया ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र मीडिया से सार्वजनिक कर दिया। पता नहीं कि यह सही पत्र है भी या किसी ने फर्जी चिट्ठी बना दी। यदि वायरल पत्र सही है तो काश, सरकार के सारे फैसले इतने ही पारदर्शी होते। पता नहीं, विधानसभा अध्यक्ष कहां हैं, लेकिन पत्र पूरे सोशल मीडिया में तैर रहा है।
मुझे उम्मीद है कि स्पीकर महोदय इस पत्र को सोशल मीडिया पर पढ़ लेंगी और विदेश से ही जांच के आदेश जारी हो जाएंगे। सीएम धामी के मीडिया सलाहकार या सलाहकारों को इस नेक काम के लिए उत्तराखंड रत्न दिया जाना चाहिए।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]