बुजुर्गों ने कहा हैं – “बाड़ (खेत के चारों ओर कच्ची मिट्टी अथवा कांटों से बनी चार दीवारी) ही जब खेत को खाने लगे, तब कोई नहीं बचा सकता”। मनुष्य को संरक्षक और रक्षक दोनों पर भरोसा करना चाहिए लेकिन सजग रहकर।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली