‘मुख्यमंत्री सबल योजना‘ आज होगी लांच, 120 बच्चों को दिए जाएंगे सहायता उपकरण

188

शिमला, 3 सितंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार निराश्रित बच्चों के साथ ही दिव्यांग बच्चों के सुख व आश्रय तक साथ निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की मंशा साफ है कि जब तक दिव्यांग व निराश्रित बच्चा नौकरी पर नहीं लग जाता या पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं बनता, तब तक सरकार उनका हाथ नहीं छोड़ेगी और उसकी हर प्रकार से सहायता करेगी।
राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा राजेश शर्मा ने बताया कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 सितंबर को अपने गृह क्षेत्र जिला हमीरपुर के नादौन में ‘मुख्यमंत्री सबल योजना‘ लांच करेंगे। नादौन के गौना करौर स्थित राज्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में होने वाले इस कार्यक्रम में विशेष रूप से हमीरपुर जिले के 120 से ज्यादा दिव्यांग बच्चों को सहायता उपकरणों का वितरण भी किया जाएगा। ये वो दिव्य शक्ति वाले बच्चे हैं जो अपनी शारीरिक चुनौतियों के बावजूद अपने दृढ संकल्प से हमें प्रेरित करते रहते हैं।
दिव्यांग बच्चों को सहायता और उपकरणों का वितरण केवल एक कल्याण कार्यक्रम नहीं है, यह एक समावेशी समाज के निर्माण के प्रति प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ये मात्र उपकरण नहीं हैं अपितु उनकी क्षमता सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण माध्यम हैं।
उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रदेश के शिक्षकों और बच्चों के लिए चार अन्य कार्यक्रम भी लांच किए जाएंगे। समावेशी शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। हर बच्चे को गुणवत्ता वाली शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक सहायता का उपयोग करने का हक होना चाहिए। ‘मुख्यमंत्री सबल योजना, यानि – सपोर्टिंग- एबिलिटीज- बिल्डिंग- एस्पिरेशन्स एंड लाइवलीहूड्स‘। इसके माध्यम से हमारा लक्ष्य विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों और उनके साथियों के बीच की खाई को पाटना हैं ताकि उनकी अद्वितीय प्रतिभाओं और क्षमताओं की देखभाल करने वाला एक वातावरण प्रोत्साहित हो सके।
राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्कूली शिक्षा में परिवर्तन लाने के लिए आज इस मौके पर माननीय मुख्यमंत्री ‘अभ्यास हिमाचल‘ और ‘शिक्षक सहायक‘ चैटबोट्स को भी लांच कर करेंगे। ये चैटबोट्स ‘स्विफ्ट चैट‘ ऐप पर उपलब्ध हैं और conversational AI यानि ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट्स‘ की मदद से व्हाट्सएप की तरह उपयोग कर सकते हैं। बच्चे कभी भी कहीं से भी और किसी भी फोन से अब तक पढ़ाए गए पाठ का अभ्यास कर सकते हैं। ये एक quiz आधारित होगा जिसमें वीडियो भी होगी। इसका इस्तेमाल बच्चे और शिक्षक क्लास में और बेहतर पढ़ने और पढ़ाने के लिए करेंगे।
इसके साथ ही संपर्क फाउंडेशन के ‘सम्पर्क साइंस टीवी कार्यक्रम‘ को भी लांच किया जा रहा है। इसका लक्ष्य गतिविधियों के साथ कक्षा में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाना, शिक्षकों की क्षमताओं का विकास करना, शिक्षण को व्यवस्थित एवं आसान बनाना और सीखने के परिणामों में सुधार करके हिमाचल प्रदेश के राजकीय स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाना है।
संपर्क टीवी एक और बेहतरीन नवाचार है। संपर्क टीवी डिवाइस किसी भी टीवी को स्मार्ट टीवी में बदल देता है और स्कूलों को और अधिक स्मार्ट बना देता है। ये खासकर गणित और अंग्रेजी सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। कक्षा में उपयोग के लिए, इस उपकरण में पहले से सामग्री डाल दी गई है जिसके लिए इंटरनेट एक्सेस की आवश्यकता भी नहीं है।
ये कार्य्रकम संपर्क फाउंडेशन, समग्र शिक्षा के साथ मिलकर हिमाचल में चलाया जा रहा है। इसमें प्रदेश के हमीरपुर, सोलन और शिमला जिले के 400 विद्यालयों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री के गृह जिले हमीरपुर के चार ब्लॉक नादौन, गलोड़, बिझड़ी और हमीरपुर के 147 स्कूलों में यह कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
राजेश शर्मा ने बताया कि समग्र शिक्षा के इस अनूठे कार्य्रकम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव शिक्षा आशीष बुटेल भी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।

मौसम पूर्वानुमान को सटीक बनाने के लिए उन्नत की जाएगी मेघदूत ऐप

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here