पारंपरिक खेलों को विश्वस्तरीय पहचान देने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता

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शिमला, 11 सितंबर। देश तथा प्रदेश की विभिन्न खेल एसोसिएशन को पारंपरिक खेलों पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है ताकि पारंपरिक खेलों को विश्वस्तरीय पहचान हासिल हो सके। ये विचार शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज इंदिरा गांधी खेल परिसर शिमला में आयोजित 2 दिवसीय प्रथम ठोडा स्पोर्ट्स नेशनल चैंपियनशिप के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए।


उन्होंने बताया कि कबड्डी को भी पांरपरिक खेलों में जाना जाता था। आज मान्यता प्राप्त होने से देश तथा प्रदेश के युवा कबड्डी के खेल में आगे बढ़ रहे है। उन्होनें बताया कि प्रदेश सरकार खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पारंपरिक खेलों के विषय पर केंद्रीय खेल एवं युवा मामले मंत्री से बात कर इस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होनें बताया कि ठोडा हिमाचल का पारंपरिक खेल रहा है। आज पूरे देश में मॉर्शल आर्ट्स के साथ मिलकर खेल गतिविधि के रुप में प्रचलित किया गया है। उन्होनें बताया कि देश तथा प्रदेश के युवा खेलों के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन प्रगति कर रहा है। जिसका उदाहरण इस वर्ष का ओलंपिक खेल रहा है। शहरी विकास मंत्री ने खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एसोशिएशन को 51,000 रुपये देने की घोषणा की।
प्रथम ठोडा स्पोर्ट्स नेशनल चैंपियनशिप में देश के 11 राज्यों ने हिस्सा लिया। जिसमें हिमाचल प्रदेश, केरल, आसाम, छतीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब एवं पुडुचेरी शामिल है।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन राजेश भंडारी, अध्यक्ष ठोडा एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश ललित ठाकुर और तहसीलदार शहरी सुमेध शर्मा भी उपस्थित थे।

अन्न योजना के तहत 3693.95 मीट्रिक टन गेंहू वितरित किया

 

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