उत्तराखंड की नई खेल नीति को सलाम

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  • 250 करोड़ का रायपुर क्रिकेट स्टेडियम बदहाल, कोविड सेंटर बना
  • रेंजर्स ग्राउंड चाहिए तो देने होंगे 50 हजार प्रति दिन

देहरादून में 20 मई से 5 जून तक उत्तराखंड गोल्ड कप क्रिकेट होना है। यह उत्तराखंड की सबसे बड़ी क्रिकेट प्रतियोगिता है। इसमें देश भर की 16 टीमें भाग लेती हैं। आयोजक 83 वर्षीय पीसी वर्मा क्रिकेट ग्राउंड के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
परेड ग्राउंड के नजदीक स्थित रेंजर्स मैदान में ही यह प्रतियोगिता होती रही है। अब इस पर प्रशासन का कब्जा है। रेंजर्स ग्राउंड बदहाल है। पीसी वर्मा के अनुसार ऊबड़-खाबड़ मैदान को ठीक करने की पेशकश भी की इसके बावजूद प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। कहा, प्रतियोगिता करानी है तो दो 50 हजार रुपये प्रतिदिन। यानी 15 दिन की प्रतियोगिता के 7.5 लाख रुपये किराया। गजब हाल हैं।
कानपुर क्रिकेट स्टेडियम का एक दिन का किराया 15 हजार और रेंजर्स का 50 हजार।
बात यहीं खत्म नहीं। पीसी वर्मा भरी दुपहरी को रायपुर स्थित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम पहुंचे। वहां आज भी कोविड सेंटर बना है। बदहाल। एक चपरासी इस पूरे स्टेडियम को देख रहा है। जाहिर है कि इस स्टेडियम को कोविड सेंटर ही बना कर रखा है। अब खिलाड़ी क्रिकेट गली में खेलें या चौराहे पर। क्या परवाह।
याद कीजिए, मैंने पहले भी गोल्डन गर्ल उड़नपरी अंकिता ध्यानी का मुद्दा भी उठाया था कि कोरोना काल में उसे खेल परिसर में प्रैक्टिस नहीं करने दी। इस कारण वह नेशनल में गोल्ड की बजाए ब्रांज मेडल लेकर आई।
उल्लेखनीय है कि पीसी वर्मा ने उत्तराखंड क्रिकेट को नया आयाम दिया। उनकी इज्जत पर सवाल है तो महाराणा प्रताप खेल परिसर को ठीक कर रहे हैं और कुछ मैच एक निजी एकादमी के मैदान पर करवाएंगे।
मेरा कहना है कि सरकार जब खेलों और खिलाड़ियों के लिए इस तरह की समस्या खड़ी करेंगी तो उत्तराखंड के लिए भला कौन खेलना चाहेगा? फिर तो उत्तराखंड के युवा ड्रीम इलेवन पर ही टीम बनाए। अच्छा है।
सरकार की खेल नीति को सलाम।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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