वन विभाग में 59 जेओआईटी के मुद्दे को हॉफ ने सुलझाया

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शिमला, 30 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश वन विभाग में लगभाग एक वर्ष से एक ही बैच के 59 जेओएआईटी की वरिष्ठता का उलझे हुए मामले को हिमाचल प्रदेश वन विभाग के मुखिया अजय श्रीवास्तव ने निजी हस्तक्षेप के बाद सुलझा लिया है।
गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष से वन विभाग में एक ही बैच में नियुक्त हुए 447 कोड के जेओआईटी को अलग-अलग वरिष्ठता के अंतर्गत् नियमित करने को लेकर काफी विबाद चल रहा था और यह मामला सचिवालय के चक्कर काट कर प्रधान मुख्य अरण्यपाल (हॉफ) के कार्यालय में एक लंबे अरसे से लंबित था और इससे विभाग के 59 जेओएआईटी की वरिष्ठता में हुई गलती का खामियाजा प्रदेश के अनेक जेजोआईटी झेल रहे थे। हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने प्रधान मुख्य अरण्यपाल (हॉफ) अजय श्रीवास्तव से इस बारे विस्तार से चर्चा की और हॉफ ने इस पर गहन विचार करते हुए अनेक पहलुओं पर इसकी छानबीन की।
अजय श्रीवास्तव ने वन विभाग के जिला न्यायविद् उमेश शर्मा से कानूनी सलाह लेने पर यह पाया कि उपरोक्त जेओआईटी की वरिष्ठता में विभागीय स्तर पर चूक हुई है और इसे सुलझाया जा सकता है, ताकि विभाग को किसी प्रकार के न्यालायल के विवाद में न उलझना पड़े और विभाग के जेओआईटी को न्याय मिल सके।
गौरतलब है कि अनेक जेओआईटी वन विभाग के मुखिया और हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष प्रकाश बादल को इस मामले को सुलझाने की काफी गुहार लगा रहे थे। वन विभाग के मुखिया अजय श्रीवास्तव ने इस मामले पर आदेश संख्या 1106/2022 दिनांक 27.12.2022 के माध्यम से सुलझा लिया है और कड़े निर्देश दिए कि कर्मियों की वरिष्ठता के मामले को हिमाचल प्रदेश सरकार के कार्मिक विभाग के निर्देशानुसार सुलझा दिया गया है।
अजय श्रीवास्तव द्वारा इस मामले का तार्किक अंत करने के लिए हिमाचल वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने वन बल मुखिया (हॉफ) का हार्दिक धन्यवाद किया है और उनके इस फैसले को जायज करार देते हुए इसके संदर्भ में जारी आदेशों का स्वागत किया है। उन्होंने अजय श्रीवास्तव को कर्मचारी हितैषी बताते हुए उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की है। इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष प्रकाश बादल की अध्यक्षता में जेओआईटी का एक प्रतिनिधिमंडल भी हॉफ से मिला और उन्होंने हॉफ को गुलदस्ता भेंट कर धन्यवाद किया। इस अवसर पर अजय श्रीवास्तव ने एसोसिएशन के अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि वे हमेशा से वन विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के हितैषी रहे हैं और हमेशा उनका नजरिया हमेशा छोटे कर्मचारियों के हितों की विशेष तौर पर रक्षा करने का रहा है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनकी रहनुमाई में छोटे कर्मचारियों के व्यक्तिगत हितों और पात्रता का विशेष ध्यान रखा जाएगा और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा। अजय श्रीवास्तव ने एसोसिएशन को बताया कि उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को कड़े आदेश दिए हैं कि छोटे कर्मचारियों की वरिष्ठता और पदोन्नति के मामले में किसी प्रकार की त्रुटि और विलम्ब को वो भविष्य में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस प्रकार वन विभाग के लगभग एक वर्ष से चले आ रहे जेओआईटी के मुद्दे को हॉफ ने मध्यस्थता के बाद सुलझा लिया है।

पदोन्नत
एक अन्य मामले में हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष प्रकाश बादल द्वारा वन विभाग के तीन अधीक्षक ग्रेड-द्वितीय के रिक्त पड़े सात पदों के स्थान पर सिर्फ चार पदों को ही भरने के निर्णय पर लिखित और मौखिक रूप से जताई गई आपत्ति का कड़ा संज्ञान लेते हुए अजय श्रीवास्तव ने तीन एनी अधीक्षक ग्रेड-द्वितीय के रिक्त पदों पर वरिष्ठ सहायकों में से अधीक्षक ग्रेड-द्वितीय के रूप में कार्यालय आदेश संख्या 1107/2022 दिनांक 27.12.2022 के अंतर्गत् पदोन्नत कर दिया है। इन आदेशों के अंतर्गत् सीसीएफ ईको टूरिज्म में कार्यरत वरिष्ठ सहायक राजेश वर्मा, नाहन वृत्त में कार्यरत मंजीत सिंह और रामपुर वृत्त में कार्यरत अनिल कुमार को अधीक्षक ग्रेड-द्वितीय के पद पर पदोन्नत किया गया है। प्रकाश बादल ने हॉफ का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि अजय श्रीवास्तव ने इन आदेशों के माध्यम से यह प्रमाणित किया है कि वे कर्मचारियों के निजी और जायज हितों को बहाल करने में कार्यकुशलता और विवेक से निर्णय लेने में सक्षम हैं।

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