मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के कार्यान्वयन में व्यक्तिगत रूचि लें अधिकारी

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शिमला, 5 अगस्त। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन-स्टॉप सेंटर, आंगनवाड़ी सेवाओं सहित विविध कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए एक बैठक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव एम. सुधा देवी की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई।
उन्होंने सभी उपायुक्तों और जिला कार्यक्रम अधिकारियों को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की निगरानी करने और लाभार्थियों से संबंधित सभी घटकों के कार्यान्वयन में व्यक्तिगत रूचि लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार ही माता एवं पिता की भावना से यह योजना आरंभ की गई है और जिला प्रशासन द्वारा सभी लाभार्थियों की जरूरतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्हें घरेलू और अनुकूल वातावरण के लिए सर्वोत्तम शिक्षा, आवास और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करना सुनिश्चित की जाएं।
बैठक में प्रत्येक जिले में वन-स्टॉप सेंटर और उनके स्थान के बारे में जागरूकता अभियान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। इससे संकट में फंसी महिलाओं को अस्थाई आश्रय के साथ कानूनी, मानसिक और मनोवैज्ञानिक परामर्श भी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने राज्य और जिला स्तर पर महिला सशक्तिकरण केंद्रों और केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त जन्म के समय गिरते लिंग अनुपात और बाल लिंग अनुपात में सुधार के लिए गंभीरता से पहल करने के भी निर्देश दिए गए। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत उचित निगरानी, सक्रिय अभियान और आवंटित धन का अधिकतम उपयोग करने को भी कहा।
बैठक में निदेशक महिला एवं बाल विकास रूपाली ठाकुर और अतिरिक्त निदेशक मोहन दत्त भी शामिल हुए।

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