बेईमान नेताजी की ईमानदारी, धन्य हो नेताजी!

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  • चाऊमिन और मैगी की ठेलियों से भी बंधा है महीना
  • शुरू होने से पहले ही दम तोड़ देगा अतिक्रमण हटाओ अभियान

मसूरी क्षेत्र में एक नेताजी हैं। बहुत ही समर्पित और पूरी निष्ठा के साथ देहरादून की सरकारी जमीनों और सड़कों पर कब्जा करने में रात-दिन एक कर रहे हैं। सत्ता के शीर्ष पर उनका डंका बोलता है। रिश्वते लेने में छोटे-बड़े का कोई लिहाज नहीं करते। 500 रुपये कमीशन खा रहा जेई उनको हिस्सा दिये बिना उस रकम को हड़प नहीं कर सकता है। यदि हिस्सा नहीं दिया तो नेताजी जेई को कहते हैं, कब आ रहा है तू,। मसूरी से लेकर देहरादून तक जितने भी सरकारी अतिक्रमण हैं, सबके पीछे उनका हाथ है। नाला-खाला से लेकर सड़कों तक। चाऊमिन और मैगी के ठेलों से भी महीना बंधा है।
इस बीच, चीफ सेकेट्री ने दो दिन पहले जिला प्रशासन को सख्त चिट्ठी लिखी कि सड़कों से अतिक्रमण हटाओ। हाईकोर्ट में अतिक्रमण को लेकर सरकार पर पहले ही कटेंम्ट का केस है। त्रिवेंद्र चचा ने अध्यादेश लाकर अपनी जान छुड़ाई थी। चीफ सेकेट्री के आदेश पर जिला प्रशासन ने अतिक्रमण ढहाने के लिए दो टीमों का गठन किया। एक टीम रिस्पना से अतिक्रमण हटा रही है तो दूसरी देहरादून- मसूरी से। बताया जाता है कि अब इस कार्रवाई को रोकने के लिए यह नेताजी पूरा दम लगा रहे हैं कि अतिक्रमण न हटें।
क्योंकि अतिक्रमणकारियों से महीना बंधा है। वो वोट बैंक हैं और सारे अवैध काम इन्ही अतिक्रमणकारियों से चलते हैं। बेईमान नेता गैर-कानूनी काम में पूरी ईमानदारी बरत रहा है। गजब हाल है। इतनी ईमानदारी यदि जनहित के कार्यों में दिखाई होती तो बेईमानी करने की जरूरत नहीं पड़ती। आखिर कितना खाएगा यह नेता?
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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