धर्म बड़ा या मानवता बड़ी, समझ नहीं पाता

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  • सीएम करेंगे कांवड़ियों का स्वागत, गांवों में घनीभूत पीड़ा में जी रहे लोग
  • सीएम साहब! ऐसे कैसे बनेगा सर्वश्रेष्ठ प्रदेश?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार में कांवड़ियों का स्वागत करने के लिए पहुंचेंगे। हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल वर्षा भी हो। मैं इसके विरोध में नहीं हूं। राजनीति का आचरण धर्म के अनुसार हो यह तो सही है लेकिन यदि राजा राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल करे तो पीड़ा होती है। मेरी यह पीड़ा तब और बढ़ जाती है कि जब यही हेलीकॉप्टर सुदूर गांव की प्रसव पीड़ा या बीमार महिला को अस्पताल तक लाने के लिए उड़ान नहीं भरता। उदाहरण के लिए कल उत्तरकाशी के सर बडियार पट्टी की डिगाड़ी गांव की 49 वर्षीय शकुंतला देवी की तबीयत खराब होने के बाद ग्रामीणों ने उसे डंडी-कंडी के सहारे सड़क तक लाने के लिए आठ किलोमीटर की पैदल दूरी नापी। तब वह बड़कोट अस्पताल तक पहुंची और वहां से भी उसे हायर सेंटर रेफर करना पड़ा।
वहीं, सीएम की बात छोड़िये, कोई नेता तब किसी के आंसू पोंछने के लिए नहीं जाता, जब कोई गुलदार किसी ग्रामीण को निशाना बना दे। कल ही पौड़ी के दुगड्डा में अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर घर लौट रही महिला को गुलदार ने निवाला बना दिया। तो खिर्सू में एक युवक को घायल कर दिया। रुद्रप्रयाग के जखोली में आठ वर्षीय बच्चे को निवाला बनाने वाले गुलदार की ड्रोन से खोज हो रही है।
जब प्रजा घोर कष्ट में जी रही हो और राजा उनके कष्ट से अनजान हो। प्रजा के आंसुओं को पोंछने का काम नहीं करें, उनके कष्टों का निवारण न करें तो फिर सवाल बनता है कि क्या वह राज्य सर्वश्रेष्ठ बनने की दिशा में है? राजा से सवाल बनता है कि धर्म बड़ा है या मानवता बड़ी?
सीएम साहब, ऐसे तो कतई सर्वश्रेष्ठ नहीं बनेगा उत्तराखंड। इसके लिए आपको अपनी नीति और आचरण बदलना होगा, नहीं तो, 2025 में जग-हंसाई होगी फटी जींस और भारत के अमरीका का गुलाम होने जैसी बात की तर्ज पर।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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