सुधारों से कर में 13% की वृद्धि

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शिमला, 13 जून। हिमाचल प्रदेश सरकार व्यापक कर सुधारों को लागू करने की दिशा में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। इसका उद्देेश्य करदाताओं को स्वेच्छा से कर के उचित हिस्से का योगदान करने के लिए प्रेरित करना है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने निरंतर निगरानी, टैक्स रिटर्न की शीघ्र जांच, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ऑडिट को समय पर पूरा करने और कर अधिकारियों की क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया है। सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 13 लाख ई-वे बिलों के सत्यापन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की जा चुकी है जिसके अंतर्गत् सरकार द्वारा 1.85 लाख ई-वे बिल सत्यापित किए गए और इस वित्तवर्ष के पहले दो महीनों में उल्लंघनकर्ताओं से जुर्माने के रूप में 92 लाख रुपये वसूल किए हैं।
कराधान प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए, राज्य ने जीएसटी राजस्व वृद्धि और क्षमता वृद्धि परियोजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य विभाग की डाटा विश्लेषण क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार करना है। इसके अंतर्गत् धोखाधड़ी करने वाले करदाताओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, और हाल के महीनों में, कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को उजागर किया गया है। फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी विशेष अभियान इस साल 15 मई को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों का पता लगाना और उनमें रोक लगाना है।
विश्व के विकसित और विकासशील देश आर्थिक विकास के मौलिक लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। यह किसी भी अर्थव्यवस्था की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने की क्षमता में वृद्धि का प्रतीक है। सरकारों को पर्याप्त राजस्व की आवश्यकता होती है जिसे विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न किया जा सकता है। कराधान सरकारी कार्यों की लागतों के वित्तपोषण का एक विश्वसनीय साधन रहा है। वित्तीय सृजन के अलावा, कराधान नागरिकों के उपभोग को प्रभावित करने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करता है। कर राजस्व सरकार को उनके पारंपरिक कार्यों जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण, कानून और व्यवस्था बनाए रखने, बाहरी खतरों से बचाव तथा व्यापार और व्यवसाय को विनियमित करने की प्रक्रिया को पूरा करने में सक्षम बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी जीएसटी प्रणाली एवं किए जा रहे प्रयासों के माध्यम से, राज्य सरकार ने न केवल कर राजस्व में वृद्धि दर्ज की है बल्कि करदाताओं के बीच अनुपालना की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त धनराशि सरकार को बेहतर बुनियादी अधोसंरचना के निर्माण और आर्थिक विकास को गति देने में सक्षम बनाती है। यह सफलता एक मजबूत और कुशल कर प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिससे राज्य और इसके नागरिकों दोनों लाभान्वित हुए हैं।
राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने का मिल रहे हैं। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस ने कहा कि विभाग द्वारा चालू वित्तवर्ष में 31 मई तक लगभग 1004 करोड़ रुपये का उल्लेखनीय कर संग्रहण किया गया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी अवधि के दौरान पिछले वित्त वर्ष के दौरान 890 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।

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