‘सच जो कड़वा है’ का विवोचन

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शिमला, 18 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश के युवा साहित्यकार हेम राज चौहान की पुस्तक ‘सच जो कड़वा है’ का विवोचन राजभवन में किया। इस पुस्तक में देश, प्रदेश और शहरों तक की बुनियादी समस्याओं पर तीखे आलेख हैं जो लेखक के अनुसंधान के बाद परिष्किृत होकर पुस्तक में आलेखित हुए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि लेखक युवा भी है और लेखनी से प्रभावित करने की क्षमता भी रखते हैं। उनके लेख समसामयिक हैं और कुछ आलेख तो समाज की कुरीतियों और ढकोसलों पर सीधा प्रहार है। उन्होंने लेखक की इस दूसरी प्रकाशित पुस्तक के लिए शुभकामना भी प्रदान की।
सामाजिक कल्याण में सेवारत संस्था उद्घोष द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि लेखक की यह दूसरी पुस्तक है और इससे पूर्व कविताओं पर आधारित पुस्तक ‘मुझे बंद आंखों से देखो’ प्रकाशित हो चुकी है और गवर्नर को उसे भी भेंट किया। इस पुस्तक की प्रूफिंग और टिप्पणी माधुरी गेरा ने की हैं जोकि शिक्षा विभाग में बतौर बीईईओ सेवारत हैं। इस अवसर पर लेखक के साथ साहित्यकार और स्तंभकार एस पी शर्मा, समाजसेविका आशिमा वर्मा, समाजसेवक प्रमोद भी उपस्थित थे।
लेखक हेम राज चौहान ने बताया कि इस पुस्तक में 50 आलेख हैं जो विभिन्न विषयों को समाहित करते हैं। ऐसे विषय जो हैं तो हमारे आसपास ही किंतु उस पर बेबाकी से लिखना-बोलना कोई नहीं चाहता है। पहाड़ों का सीना चीर कर बन रहे फोरलेन हो या शिमला में जल से लेकर बंदरों तक कंकरीट का जंगल…..सभी कुछ ताक पर हैं। देश मंे धार्मिक आडंबर हो या महिलाओं का उत्पीड़न या फिर युवाआंे का नशे के पाश में बंधे चले जाना, सभी कुछ इन आलेखों में अनुसंधान उपरांत परिष्कृत रुप मिलेगा। सच को कहना मुश्किल तो है पर यदि उसे कह दिया जाए तो आरंभ में कड़वाहट लगती है, बाद में वही कड़वाहट मिठास में बदल जाती है। देश में बढ़ रहे वृद्धाश्रम कहीं न कहीं बदलती संस्कारहीन पीढ़ी के लिए सबक है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध है। राज्यपाल ने इस पुस्तक और लेखक को भविष्य के लिए शुभकामना प्रदान की।

डॉ. रीता सिंह ने राज्यपाल से भेंट की

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