नई दिल्ली, 25 मई। कोरोना काल में जहां कई कंपनियां और लोग दवाइयों और ऑक्सीजन जैसे जरूरी चीजों की कालाबाजारी कर रहे हैं। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। ऐसे में रतन टाटा की एक कंपनी मानवजगत में एक नई मिसाल पेश कर रही है। ये कंपनी कोरोना से मरने वाले अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं रोकेगी। कंपनी मृतकों के परिजनों को वेतन तो देगी ही और बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी। टाटा की कंपनी के इस फैसले की देशभर में सराहना हो रही है।
#TataSteel has taken the path of #AgilityWithCare by extending social security schemes to the family members of the employees affected by #COVID19. While we do our bit, we urge everyone to help others around them in any capacity possible to get through these tough times. pic.twitter.com/AK3TDHyf0H
— Tata Steel (@TataSteelLtd) May 23, 2021
टाटा स्टील ने कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए एक प्रशंसनीय फैसला लिया है। टाटा स्टील के इस अहम फैसले के अनुसार कोरोना से मरने वाले किसी भी कर्मचारी के परिवार के आगे आर्थिक संकट ना खडा उसके लिए उनका वेतन नहीं रोका जाएगा। कर्मी के आखिरी वेतन की राशि सेवानिवृत्त की 60 साल उम्र तक परिजनों को दी जाती रहेगी। इसके साथ ही उसके परिजनों को सभी चिकित्सकीय और मकान की सुविधा मिलती रहेगी। कंपनी यहां तक नहीं रूकी है उसे मृतक के शिक्षा प्राप्त करने बच्चों की भारत के भीतर स्नातक की पढ़ाई तक का भी खर्च उठाने का फैसला लिया है।