धर्मशाला, 19 मई। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कांगड़ा जिले के धर्मशाला में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करते हुए जिले में कोविड से होने वाली मृत्यु की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि होम आइसोलेशन के गंभीर मरीजों को घर से तुरंत स्वास्थ्य संस्थानों में स्थानांतरित किया जाए ताकि उन्हें उचित उपचार उपलब्ध करवाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की वर्तमान क्षमता को 1500 से बढ़ाकर लगभग 5000 कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने भी ऑक्सीजन का कोटा 15 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से राज्य के लिए ऑक्सीजन कोटा 10 मीट्रिक टन और बढ़ाने का भी आग्रह किया है।
ठाकुर ने कहा कि स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर राज्य सरकार प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या को भी बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि डा. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा के लिए 20 अतिरिक्त वेंटिलेटर और आईजीएमसी, शिमला को 25 अतिरिक्त वेंटिलेटर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल नूरपुर में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित करने के लिए आउटसोर्स आधार पर लगभग 3000 कर्मचारियों की भर्ती की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में नई नियुक्तियां करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कोविड मरीजों के शवों के प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि मृतक के परिजन शव को उनके पैतृक स्थान ले जाना चाहते हैं, तो इसके लिए परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
ठाकुर ने कहा कि होम आइसोलेशन तंत्र को मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए, क्योंकि कुल कोविड मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत होम आइसोलेशन में है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि जैसे विधायक, प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला परिषद सदस्य और वार्ड सदस्य कोरोना मरीजों के परिवार के सदस्यों के सम्पर्क में रहकर होम आइसोलेशन तंत्र को मजबूत करने में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आमतौर पर कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन से अस्पतालों में स्थानान्तरित करने में होने वाली देरी के कारण कोरोना मरीजों का स्वास्थ्य बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि पैरा मेडिकल स्टाफ को भी होम आइसोलेशन के मरीजों के स्वास्थ्य मानकों की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जिले में होम आइसोलेशन के अन्तर्गत मरीजों के लिए जिला कांगड़ा की होम आइसोलेशन किट संजीवनी का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले हर मरीज को किट उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस किट से मरीजों को कोरोना संक्रमण से शीघ्र स्वस्थ होने में मदद मिलेगी।
ठाकुर ने क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला और डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में भर्ती कोविड मरीजों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत भी की। उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने के अलावा अस्पताल में उन्हें प्रदान किए जा रहे उपचार और सेवा की गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मेकशिफ्ट अस्पताल परौर के कार्य में प्रगति की जानकारी ली और कार्यान्वयन करने वाली एजेंसी को इस अस्पताल को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्हें जानकारी दी गई कि इस मेकशिफ्ट अस्पताल को दो से तीन दिनों के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के मद्देनजर आयुर्वेदिक अस्पताल देहरा में गम्भीर श्वास रोग वार्ड (एसएआरआई) शुरू किया गया है। कुछ दिन पूर्व पालमपुर में भी इस प्रकार का वार्ड आरम्भ किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कार्यक्रम में शिमला से वर्चुअली भाग लिया। उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कांगड़ा जिले में कोविड की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल, सांसद किशन कपूर और इंदु गोस्वामी, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, विधायक अरुण मेहरा, अर्जुन सिंह, रीता धीमान, मुल्ख राज प्रेमी और विशाल नेहरिया सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में शामिल थे।