‘नोटबंदी, किसान आंदोलन और आपदा में हिमाचल की अनदेखी को ध्यान में रख कर मतदान करें’

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नोटबंदी, किसान आंदोलन और आपदा में हिमाचल की अनदेखी को ध्यान में रख कर मतदान करें: आनंद शर्मा

शाहपुर (कांगड़ा)22 मई। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि कांगड़ा-चंबा और प्रदेश की जनता को मतदान करने से पहले तीन बातों को ध्यान में रखना होगा। इनमें पहली बात नोटबंदी है, जिसके तहत मोदी सरकार ने अचानक नोटबंदी करके देश की जनता को लाइनों में लगा दिया था। उनके दावे के अनुसार काला धन तो वापस नहीं आया, मगर देश के आम आदमी, गरीब, महिलाएं, मजदूर और व्यापारियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि दूसरी बात किसानों के साथ किया गया दुर्व्यवहार और अत्याचार है। उन्होंने कहा कि किसान बिल का विरोध कर रहे किसानों को दिल्लीं आने से रोकने के लिए खाइयां खोदी गईं, कंटीली तारें लगाई गईं, आंसू गैस के गोले दागे गए और गोलियां तक चलाई गईं थी। इसे देख कर पूरा विश्व‍ हैरान हुआ था। साथ ही उन्होंने तीसरी बात हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के समय मोदी सरकार द्वारा बरती गई बेरुखी को बताया। उन्होंने कहा कि जब हिमाचल में आपदा आई तो 26 हजार घर बर्बाद हुए, 500 से अधिक जानें चली गईं, सैकड़ों योजनाएं और परियोजनाएं बह गईं। ऐसे हालात में कर्जे में फंसे होने के बावजूद कांग्रेस की सुखविंद्र सिंह सुक्खू  सरकार ने लोगों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास किया। केंद्र के मुंह मोड़ लेने के बावजूद 4500 करोड़ का पैकेज दिया गया। जहां मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख का प्रावधान था, उसे बदल कर सात लाख रुपये किया गया। आनंद शर्मा ने कहा कि आपदा राहत कोष से मदद का संवैधानिक अधिकार होने के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार हिमाचल की जनता के दुखदर्द के समय संवेदनहीन बनी रही। ऐसे में हिमाचल की जनता को मतदान करते समय इन बातों को ध्याेन में रखना होगा।

आनंद शर्मा ने आज शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्था्नों पर नुक्कबड़ सभाएं करते हुए यह बातें कहीं। इस अवसर पर उनके साथ विधायक केवल सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, प्रदेश प्रवक्ता संजीव गांधी, पूर्व सीएम सुशील शर्मा, राजेंद्र वालिया, सुशील कुमार, अश्वनी चौधरी, पंकज कुमार, देशराज चौधरी, रक्षा देवी,हसराज, साजीद खान, राजिंद्र ठाकुर, रणधीर राणा समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

कहां गई मोदी की बॉडगेज ट्रेन और चंबा रूमाल

आनंद शर्मा ने कहा कि वह जल्द ही कांगड़ा और चंबा जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपनी प्राथमिकताओं को लेकर एक घोषणापत्र जारी करेंगे। उन्होंनेे कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने हिमाचल को कई संस्थान दिए हैं और कांग्रेस के सत्ता में आने पर और कई संस्थान लाए जाएंगे। उन्होंने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि पिछली बार 2019 में जब नरेंद्र मोदी कांगड़ा आए थे तो उन्होंने वायदा किया था कि अगली बार जब वह आएंगे तो पठानकोट-जोगिंद्रनगर की रेललाइन को ब्रॉडगेज कर दिया जाएगा और वह ट्रेन में बैठ कर चंबा रुमाल लगाकर आएंगे। उन्होंने सवाल किया कि मोदी बताएं कहां है उनकी यह ट्रेन और चंबा रूमाल।

आजादी के बाद बनी आम सहमति को तोड़ रही भाजपा

आनंद शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद देश के शासन को चलाने के लिए जो आम सहमति बनी थी उसे भाजपा तोड़ रही है। एक विचार को थापने की कोशिश की जा रही है। इससे हिंदोस्तान कमजोर हो रहा है। दस साल पहले 2014 में पीएम मोदी ने जो वायदे किए थे, उसके बारे में चर्चा की नहीं की जा रही है। अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता को जो वचन देकर बनती है उस वचन का सम्मान करना चाहिए। भाजपा महंगाई और बेरोजगारी के बारे में चर्चा किए बिना दावे करती है कि अच्छे  दिन आ गए हैं। नई रिवायत बन गई है एक वायदा करो भुल जाओ, दोबारा दूसरा वायदा करो और तीसरी बार तीसरा वायदा करके पिछले दो वायदे भूल जाओ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो वायदे किए थे उसका हिसाब तो देना ही पड़ेगा, यह हिसाब जनता मांगेगी। उनके पास इस बात का हिसाब किताब नहीं है जो पिछले दस साल में बेरोजगारी, महंगाई, किसान की दोगुनी आय, हर खाते में 15 लाख रुपये समेत उनके अन्य वायदों का क्या हुआ।

मनमोहन सरकार के समय चार गुणा बढ़ी थी जीडीपी

आनंद शर्मा ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार दस साल कांग्रेस के नेताओं को कौसती रही। जिन्होंने भारत का निर्माण किया, देश को मजबूत बनाया उनका अपमान किया जाता रहा। उन्होंने कहा कि मई 2014 से पहले जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सत्ता में थे तो भारत की जीडीपी चार गुणा की गई थी। देश परमाणु और अंतरिक्ष शक्ति  बन चुका था और यूपीए के शासनकाल में 18 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से बाहर आए थे। मनमोहन सरकार ने लोगों की जरूरत को पहचानते हुए रोजगार की गारंटी, खाद्य सुरक्षा कानून समेत कई कानून बनाए। इसी के चलते कोरोना काल में गरीब और मजदूर वर्ग को मनरेगा के तहत रोजगार और खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुफ्त राशन मिला था।

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