हिमाचल ने विद्युत रॉयल्टी बढ़ाई-छूट समाप्त की, कई पदों को मंजूरी

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शिमला, 22 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में बरसात के इस मौसम में राज्य में भारी बारिश के कारण हुई जानमाल की व्यापक क्षति पर दुःख व्यक्त किया गया तथा इस आपदा में काल का ग्रास बने लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी।
मंत्रिमंडल ने स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का निर्णय लिया। इसके तहत समझौता ज्ञापन 40 वर्षों के लिए होगा और रॉयल्टी की दरें 12 वर्ष के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत और शेष 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत होंगी। इसके उपरांत परियोजना राज्य सरकार को बिना किसी लागत एवं सभी तरह की देनदारियों और ऋण भार से मुक्त वापस मिल जाएगी। हालांकि, बढ़ी हुई अवधि के लिए राज्य को अदा की जाने वाली रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी।
बैठक में 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी चरण-1, 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध, 382 मेगावाट क्षमता की सुन्नी बांध और 500 मेगावाट क्षमता की डुगर जल विद्युत परियोजना के लिए सतलुज जल विद्युत निगम एवं एनएचपीसी को प्रदत्त बाधा रहित निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी की छूट वापस लेने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने जल विद्युत परियोजनाओं से लिए जाने वाले जल उपकर की दरों का युक्तिकरण करने का भी निर्णय लिया।
बैठक में हिमाचल प्रदेश विधवा पुनर्विवाह योजना के अंतर्गत् प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता 65 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 के लिए राज्य में मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत् सेब, आम और नींबू प्रजाति के फलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि करने का भी निर्णय लिया। इसके तहत अब सेब और आम का समर्थन मूल्य 10.50 रुपये के बजाय 12 रुपये प्रति किलोग्राम होगा। इसके अतिरिक्त किन्नू, माल्टा और संतरे के लिए समर्थन मूल्य 9.50 रुपये से बढ़कर 12 रुपये प्रति किलोग्राम जबकि नींबू एवं गलगल का समर्थन मूल्य आठ रुपये से बढ़कर 10 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगा।
बैठक में मिड-डे-मील योजना के तहत कुक-सह-हेल्पर के मानदेय में प्रथम अप्रैल 2023 से 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि को स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे उन्हें प्रतिमाह 3500 से बढ़कर 4000 रुपये का मानदेय प्राप्त होगा। इस निर्णय से इस योजना के तहत कार्यरत 21431 व्यक्तियों को लाभ मिलेगा।
मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 15 अगस्त 2023 से गैर जनजातीय क्षेत्रों में दिहाड़ी की दरें 224 से बढ़ाकर 240 रुपये करने और जनजातीय क्षेत्रों में 280 से बढ़ाकर 294 रुपये करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में राज्य में सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में 874 उम्मीदवारों को पटवारी के रूप में और 16 पात्र चेनमैन को चयनित और प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया जिन्हें अगले पांच वर्षों में राज्य में तैनात किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात नियमों के उल्लंघन को कम करने और सड़क सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए तीन नए स्थापित यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशनों के प्रबंधन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान की।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग में जूनियर ऑफिस एसिस्टेंट (आईटी) के 35 पद भरने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में 31 मार्च 2023 और 30 सितंबर 2023 तक संयुक्त रूप से 11 वर्ष की दैनिक भोगी और अंशकालिक सेवाओं को पूर्ण करने वाले अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने वन भूमि में गिरे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान की। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और इसे अपरिष्कृत रूप में ढालने में भी मदद मिलेगी। साथ ही परिवहन लागत में कमी आएगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे फील्ड स्टाफ की दक्षता में भी वृद्धि होगी।
बैठक में राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत सरकारी विभागों, स्थानीय प्राधिकरणों, स्वायत्त निकायों, बोर्ड, निगमों, सरकारी उपक्रमों और अन्य संस्थानों में ई-टैक्सी किराये पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को अनुमति प्रदान की गई। इस योजना से युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान करेगी। यह निर्णय वाहन प्रदूषण को कम करने और हरित राज्य बनने की ओर आगे बढ़ने में दूरगामी भूमिका निभाएगा। यह योजना 2 अक्टूबर 2023 से कार्यान्वित की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नामकरण श्रम, रोजगार एवं विदेशी नियोजन (प्लेसमेंट) विभाग के रूप में करने को मंजूरी प्रदान की।

भेंट

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