सीएम ने वरिष्ठ संपादक डॉ. रणजीत सिंह राणा के निधन पर जताया शोक

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शिमला/धर्मशाला, 22 जून। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के वरिष्ठ संपादक डॉ. रणजीत सिंह राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया। डॉ. राणा का मंगलवार प्रातः पीजीआई चण्डीगढ़ में निधन हो गया था। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की। अतिरिक्त मुख्य सचिव, सूचना एवं जन सम्पर्क जे.सी. शर्मा ने भी डॉ. रणजीत सिंह राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में शोक सभा का आयोजन किया और विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा। निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन ने डॉ. रणजीत सिंह राणा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ. राणा ने विभाग को अपनी मूल्यवान सेवाएं प्रदान की है, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. राणा मित्रतापूर्ण और मिलनसार व्यक्ति थे, जिन्होंने लम्बे समय तक विभाग के लिए कार्य किया। डॉ. राणा सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय थे और शिमला से दिव्यांगो के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी अभिभावक संस्था उड़ान के संस्थापक थे।
वहीं, धर्मशाला में डॉ. रणजीत सिंह राणा के निधन पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के उप निदेशक अजय पाराशर, जिला लोक सम्पर्क अधिकारी विनय शर्मा, सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी सुभाष कटोच, नसीम बाला, मनोज सूद, चंदन आनंद, अनिल धीमान, सहायक सूचना अधिकारी संदीप कुमार, अनिल कुमार सहित समस्त कर्मचारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं व्यक्त करते हुए परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग धर्मशाला कार्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया और विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा। उप निदेशक अजय पाराशर ने डॉ. रणजीत सिंह राणा को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि राणा ने विभाग को अपनी मूल्यवान सेवाएं प्रदान की हैं, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. राणा मित्रतापूर्ण और मिलनसार व्यक्ति थे, जिन्होंने लम्बे समय तक विभाग के लिए कार्य किया। डॉ. राणा सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय थे और शिमला से चलाई जा रही गैर सरकारी अभिभावक संस्था उड़ान के संस्थापक थे।

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