दीपू भाई जैसे लोग हैं तो इंसानियत पर विश्वास बना हुआ है

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जयदीप सकलानी

– नेताओं को श्मशान में लकड़ी जुटाने और अफसरों को बेनतीजा बैठकों से फुरसत मिल जाएं तो दीपू भाई की सुन लो
– ऑक्सीजन प्लांट लगाने में जयदीप सकलानी की टीम करेगी नि:शुल्क काम

एक मैकेनिकल इंजीनियर पिछले 20 साल से प्रदेश में सोशल इंजीनियरिंग में जुटा हुआ है। उसका दिल पहाड़ के लिए धड़कता है। अपनी माटी और थाती के लिए समर्पित जयदीप सकलानी यानी दीपू भाई किसी परिचय का मोहताज नहीं है। राज्य आंदोलनकारी दीपू भाई पिछले एक साल से लगातार कोरोना पीड़ितों की मदद करते रहे हैं। इन दिनों में भी किसी मरीज के लिए आईसीयू बेड, किसी के लिए प्लाजमा, किसी के लिए ऑक्सीजन और किसी के लिए दवाएं तो किसी के लिए आर्थिक मदद। मार्केट की तमाम परेशानियों और अर्थव्यवस्था की पतली हालत के बावजूद दीपू भाई खुले दिल से जरूरतमंदों की मदद करते हैं। बिना स्वार्थ के। इस आदमी को न तो सम्मान चाहिए और न ही तख्तोताज। न ही किसी पार्टी का चुनावी टिकट।

दीपू भाई ने सरकार को एक पेशकश की है। आक्सीजन प्लांट लगाने में मदद की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में सरकार को नि:शुल्क सुविधा देने को उनकी टीम तैयार है। क्रेन, तकनीकी वर्कर सब व्यवस्था उनकी कंपनी करेगी, केवल दिशानिर्देश सरकार का रहेगा। यह एक और बड़ी बात है। इसके अलावा उनकी टीम रुद्रप्रयाग समेत समस्त पर्वतीय जनपदों में कोरोना पीड़ितों के लिए दवाएं उपलब्ध कराने की कवायद भी कर रही है। इसकी शुरुआत रुद्रप्रयाग से हो रही है। यह भी नि:शुल्क सेवा रहेगी। जब प्रदेश में हर कोई आपदा को अवसर के तौर पर देख रहा है तो दीपू भाई जैसे लोग ही हैं जिनके बल पर इंसानियत जिन्दा है।

पिछले साल भी जब डाक्टर और अस्पताल कर्मचारी पीपीई किट की कमी से जूझ रहे थे तो एक दिन दीपू भाई दून अस्पताल गए और चुपचाप 40 पीपीई किट वहां दे आए। कोई प्रचार नहीं किया। उस समय पीपीई किट बड़ी बात थी। यहां नेता श्मशान घाट के लिए लकड़ियां मुफ्त देने की बात कर रहे हैं। टीकाकरण का भी रिबन काटकर उद्घाटन किया जा रहा है। तीन टांग के पुराने फ्रिज के दान का ढ़िढोरा पीटा जा रहा है। ऐसे में दीपू भाई के नि:स्वार्थ सेवा भाव और इंसानियत को सैल्यूट तो बनता हैं।

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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