नई दिल्ली, 30 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 77वीं बार मन की बात कार्यक्रम के तहत अपने विचार व्यक्त किए। कोरोना पर मोदी ने कहा कि देश पूरी ताकत के साथ इससे लड़ रहा है, पिछले 100 साल में ये सबसे बड़ी महामारी है। इसी महामारी के बीच देश ने कई प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप आए और भूस्खलन हुए।
आज मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता में आए सात साल पूरे हो गए हैं और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को दो साल हो गए। मोदी ने हाल में आए तूफानों का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुकाबला किया है। केंद्र, राज्य सरकार और प्रशासन सभी एकजुट होकर आपदा का सामना करने में जुटे हैं। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।
संबोधन के महत्वपूर्ण अंश…
मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने इस आपदा का नुकसान झेला है.।
कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब काम कर रही है। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा ज्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं।
मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हर चुनौती पार कर विकासयात्रा को अविरल जारी रखेंगे
संक्रमितों मरीजों के बीच जाना, उनका सैंपल लेना, ये कितनी सेवा का काम है। अपने बचाव के लिए इन साथियों को इतनी गर्मी में भी लगातार पीपीई किट पहने ही रहना पड़ता है। इसके बाद ये सैंपल लैब पहुंचता है।
चुनौती के इस समय में ऑक्सीजन के परिवहन को आसान करने के लिए भारतीय रेल आगे आई। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज्यादा तेजी से, कहीं ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देश के कोने-कोने में पहुंचाया।
आज हमारी सरकार को सात साल पूरे हो गए हैं। इन सालों में देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है।
इन 7 सालों में हमने मिलकर कई कठिन परीक्षाएं भी दी हैं। हर बार हम सभी पहले से ज्यादा मजबूत होकर निकले हैं। कोरोना महामारी के रूप में इतनी बड़ी परीक्षा तो लगातार चल रही है। बड़े-बड़े देश भी इसकी तबाही से बच नहीं सके।
मुझे कितने ही लोग धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गांव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है।
जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती है तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।