मंडी जिले में जानमाल का भारी नुकसान, 13 लाशें मिली, 4 लापता, 17 मवेशी भी बहे

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मंडी, 20 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शनिवार को हुई भारी बारिश और उसके कारण हुए भूस्खलन के चलते जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन अब तक 13 लोगों की लाशें बरामद कर चुका है। 4 लोग अभी भी लापता हैं। बहने से 17 मवेशियों की भी मौत की खबर है।
इस बीच, आफत भरी बारिश के बीच जल शक्ति एवं राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर खुद राहत बचाव कार्यों के लिए मैदान में डटे रहे। उन्होंने धर्मपुर क्षेत्र में बारिश से प्रभावित विभिन्न स्थलों का दौरा कर राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रभावितों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
वहीं, विधायकों ने भी अपने अपने क्षेत्र में बारिश से प्रभावित स्थलों का दौरा कर लोगों का दुख दर्द बांटा। द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर ने कटौला क्षेत्र में बादल फटने के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित लोगों को अपनी ओर से हर तरह की मदद मुहैया कराने की बात कही।
जल शक्ति एवं राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर कहा कि पिछले दो दिनों से प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नुकसान की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं, कई क्षेत्रों में भू-स्खलन होने तथा जान-माल का नुकसान हुआ है। आफत में फंसे लोगों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सभी जिलों के उपायुक्तों तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और राज्य की बचाव टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। सभी घटनास्थलों पर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं।
जल शक्ति मंत्री ने भूस्खलन और बाढ़ से हुई मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
राहत बचाव कार्यों में जुटा प्रशासनिक अमला
बता दें, शुक्रवार रात से जारी भयंकर बारिश के बीच मंडी जिले का तमाम प्रशासनिक अमला लगातार राहत बचाव कार्यों में जुटा है। शुक्रवार देर रात से ही जिला प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीमें आफत में फंसे लोगों की सुरक्षा और बचाव कार्यों में लगे हैं। उपायुक्त अरिंदम चौधरी और पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री खुद विभिन्न घटना स्थलों पर पहुंच कर बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं।
अलग अलग हादसों में 13 हताहत
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे तक प्राप्त सूचना के मुताबिक जिले में भूस्खलन और बाढ़ के कारण अलग अलग हादसों में 13 लोग हताहत हुए हैं, जिनकी लाशें बरामद कर ली गई हैं। इसके अलावा 5 लोग लापता हैं। लापता लोगों को ढूंढने के प्रयास जारी हैं, इनमें एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के जवानों की मदद ली जा रही है।
अरिंदम चौधरी ने बताया कि हताहत लोगों में उपमंडल गोहर के काशन गांव में भूस्खलन की चपेट में आए एक घर में मलबे में दबने से मारे गए एक ही परिवार के 8 सदस्य हैं। एनडीआरएफ की मदद से सभी लाशें बाहर निकाल ली गई हैं। सराज के कियोली में मकान गिरने से एक महिला की मृत्यु हुई है। इसके अलावा औट के समीप चट्टान गिरने के कारण हुई दुर्घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं बाढ़ व भूस्खलन के कारण सदोह गांव से 6 लोग लापता हैं, जिनमें से 2 व्यक्तियों की लाशें मिल गई हैं, जबकि 4 लोग अभी भी लापता हैं। इसके अतिरिक्त सदर उपमंडल के बागी से एक महिला लापता है। सभी लापता लोगों का पता लगाने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं।
सावधानी बरतने की अपील
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने सभी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही भूस्खलन प्रभावित व सम्भावित क्षेत्रों और नदी-नालों के पास न जाने की हिदायत दी है।उन्होंने आग्रह किया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र मंडी के दूरभाष नंबर 01905-226201,202,203,204 अथवा टोल फ्री 1077 नंबर पर सूचित करें।
परियोजनाओं को बहाल करने के प्रयास
वहीं, अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने बारिश से हुए नुकसान को लेकर बताया कि शनिवार सायं 4 बजे तक जिला मुख्यालय पर प्राप्त सूचना के मुताबिक जिले में 32 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 14 घरों को खतरे के चलते खाली करवा दिया गया है। इसके अतिरिक्त 17 गौशालाएं भी बह गई हैं, जिसमें 17 मवेशी मारे जाने की सूचना है। उन्होंने बताया कि जिला मंडी में 122 सड़कें यातायात के लिए बाधित हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। 55 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं और कई जगहों पर विद्युत आपूर्ति बाधित है। प्रशासन हालात पर काबू पाने, जनजीवन को सामान्य बनाने और सभी प्रभावित परियोजनाओं को बहाल करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
चौबीसों घंटे अलर्ट पर रहने के निर्देश
जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने मंडी जिले में भारी बारिश के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों को अपने जन संसाधन और मशीनरी के साथ चौबीसों घंटे अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि अधिकारी व कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के ड्यूटी स्टेशन न छोड़ें। जारी आदेश के मुताबिक आपदा प्रबंधन की दृष्टि से सभी एसडीएम को संबंधित उपमंडल में घटना कमांडर के तौर अधिकृत किया गया है। संबंधित उपमंडल में आपदा प्रबंधन ऑपरेशन एसडीएम के नियंत्रण और देखरेख में होंगे। इसके अलावा आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को फोन कॉल पर उपलब्ध रहने को कहा गया है।
आदेश में कहा गया है कि किसी को भी खड्ड, नदी, नालों के समीप जाने की अनुमति नहीं होगी। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित बनाने को कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना होने पर तुरंत स्थानीय प्रशासन अथवा पुलिस को इसे लेकर सूचित करें। आपात स्थिति में टोल फ्री नंबर 1077 तथा 108 और 1907-223374 पर संपर्क करने को कहा गया है।

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